गलती की माफी होती हैं माननीय मुख्यमंत्री जी, गुनाह की नहीं

आज फिर से नितीश कुमार के अमर्यादित बयान से सूबे की राजनीती गरमा गयी हैं जब बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री के प्रति दिए गए बयान पर बबाल खड़ा हो गया और फिर हंगामा देखने को मिला. हुआ ये की आरक्षण विधेयक पर जब जीतन राम मांझी ने अपनी बात रखी तो उसके जवाब में सीएम नीतीश कुमार पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर भड़क गए, और कहा कि इन्हें कोई आइडिया है? ये तो मेरी मूर्खता थी कि मैंने इसे सीएम बना दिया. लेकिन ये आदमी किसी काम के नहीं थे. मेरे पार्टी वालों ने बाद में मुझे समझाया तो फिर इन्हें हटाया गया. ये अभी गवर्नर बनना चाहते है। बीजेपी वाले इन्हें गवर्नर क्यों नहीं बना देते हैं. इनके खिलाफ इनके परिवार के लोग भी हैं. इस बात के पलटवार पर जीतन राम मांझी ने नीतीश से कहा है कि औकात है तो ललन सिंह के खिलाफ बोलकर दिखाएं। मांझी ने कहा कि वो भुइयां-मुसहर हैं इसलिए उन्होंने जलील किया गया।

क्यों आमादा हैं बिहार के मुख्यमंत्री मर्यादा को बार बार लांघने के लिए, अभी 7 नवंबर की बात हैं , जनसंख्या नियंत्रण पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदन में दिए गए विवादस्पद या कहिये बेशर्म , ‘सेक्स ज्ञान’, जिसकी बहुत चर्चा और भर्त्सना हो चुकी, और बिहार में सियासी बबंडर भी आया जिसके बाद नितीश कुमार जी ने अपनी सफाई पेश की , और माफ़ी भी मांगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैंने तो बस महिलाओं की शिक्षा की बात की थी.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मेरी कोई बात गलत थी तो मैं माफी मांगता हूं. जो लोग मेरी निंदा कर रहे हैं, उनका भी मैं अभिनंदन करता हूं.’ इतना ही नहीं, सीएम नीतीश कुमार ने आगे कहा कि बिहार में हमने बड़े-बड़े काम किए हैं और अब महिलाओं के उत्थान के लिये भी काम कर रहे हैं. वहीं, सदन में भी सीएम नीतीश ने माफी मांगी है और कहा है कि वो अपने बयान पर शर्मिंदा महसूस कर रहे हैं, और अपनी बात को वापस लेता हूँ। हालाँकि NCW की ओर से सीएम नीतीश कुमार से तत्काल माफी की मांग की गयी, कहा गया की . विधानसभा में उनकी अमर्यादित टिप्पणी उस गरिमा और सम्मान का अपमान है जिसकी हर महिला हकदार है.

बिहार का एक अत्यंत गौरवशाली इतिहास रहा हैं, जिसने पुरे देश और दुनिया को कई बार रास्ता दिखाया हैं , लेकिन सूबे के मुख्यमंत्री के इन लगातार बयानों से लगता हैं बिहार की छवि और ख़राब ही होगी , वैसे ये वक़्त ही तय करेगा की ये गलती हैं या गुनाह, क्या इसकी माफ़ी हो सकती हैं।

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