अडानी पावर ने उत्तर प्रदेश में 1600 मेगावाट थर्मल पावर प्लांट की बड़ी विस्तार योजना की घोषणा की
नई दिल्ली: अडानी पावर, जो भारत के ऊर्जा क्षेत्र में एक प्रमुख खिलाड़ी और देश की शीर्ष निजी थर्मल पावर उत्पादक कंपनी है, उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर में एक नए 1600 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर प्लांट की स्थापना के साथ अपने थर्मल पावर उत्पादन क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने जा रही है। यह महत्वाकांक्षी परियोजना कंपनी की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 2030 तक अपनी थर्मल पावर क्षमता को वर्तमान 15.25 GW से लगभग 30 GW तक दोगुना करना है।
परियोजना की जानकारी और निवेश
आने वाला पावर प्लांट, जिसमें दो यूनिट्स होंगी, प्रत्येक की क्षमता 800 मेगावाट होगी, एक ग्रीनफील्ड परियोजना है जिसे अडानी पावर की सहायक कंपनी, मिर्जापुर थर्मल एनर्जी (UP) प्रा. लि. द्वारा विकसित किया जा रहा है। इस परियोजना के लिए कुल अनुमानित निवेश लगभग 14,000 करोड़ रुपये है, जो एक अत्याधुनिक थर्मल पावर सुविधा स्थापित करने के लिए आवश्यक बड़े वित्तीय निवेश को दर्शाता है। यह निवेश ग्रीनफील्ड थर्मल पावर प्लांट्स की स्थापित लागत के साथ मेल खाता है, जो प्रति मेगावाट 8-9 करोड़ रुपये के बीच है।
इस प्लांट के निर्माण का निर्णय अडानी पावर की व्यापक दृष्टि का हिस्सा है, जो अपनी थर्मल पावर पोर्टफोलियो को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में, कंपनी अपनी थर्मल पावर क्षमता को 15.25 GW से बढ़ाकर 16.85 GW करने की प्रक्रिया में है, और 2030 के अंत तक 30.67 GW तक पहुंचने का लक्ष्य है।
ऐतिहासिक संदर्भ और अधिग्रहण
इस नए पावर प्लांट की साइट पहले वेलस्पन ग्रुप की वेलस्पन एनर्जी यूपी प्रा. लि. द्वारा 1320 मेगावाट सुपरक्रिटिकल कोल-बेस्ड पावर प्रोजेक्ट के लिए आरक्षित की गई थी। हालांकि, वेलस्पन एनर्जी के 2019 में अडानी इन्फ्रा द्वारा अधिग्रहण के बाद, परियोजना को मिर्जापुर थर्मल एनर्जी (UP) प्रा. लि. (MTEUPL) के नाम से पुनः ब्रांड किया गया। इस अधिग्रहण के पूरा होने के बाद अडानी पावर ने परियोजना को आगे बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की।
साझेदारियां और उपकरण
महत्वपूर्ण विकास के रूप में, अडानी पावर ने मुख्य संयंत्र उपकरण और संबंधित सहायक उपकरणों के निर्माण और आपूर्ति के लिए भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) को एक प्रमुख अनुबंध सौंपा है। इस अनुबंध की राशि 3500 करोड़ रुपये है और इसमें बीएचईएल द्वारा संयंत्र की स्थापना और कमीशनिंग की निगरानी भी शामिल है। यह साझेदारी राज्य के स्वामित्व वाली और निजी उद्यमों के बीच सहयोग को दर्शाती है, जो भारत की ऊर्जा अवसंरचना को आगे बढ़ाने में सहायक है।
रणनीतिक विस्तार और भविष्य की योजनाएं
मिर्जापुर पावर प्लांट न केवल अडानी पावर की उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा बल्कि भारत में इसकी भौगोलिक पहुंच को भी विस्तार देगा। कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति थर्मल पावर संपत्तियों के महत्वपूर्ण विस्तार को शामिल करती है, जो 80 GW से अधिक की क्षमता वृद्धि प्रक्षिप्तियों में परिलक्षित होती है।
अडानी पावर अपने मौजूदा 1370 मेगावाट प्लांट पर छत्तीसगढ़ में एक और 1600 मेगावाट अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल थर्मल पावर विस्तार परियोजना को भी आगे बढ़ा रही है।
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