एडब्लूएस की मदद से एनएचए, जीईएम और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भारत में डिजिटल सेवाओं का विस्तार कर सकेंगे

नई दिल्ली: अमेज़न वेब सर्विसेज़ (एडब्लूएस) इंडिया प्राईवेट लिमिटेड की एडब्लूएस टेक्नोलॉजी को नेशनल हैल्थ अथॉरिटी (एनएचए), गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) और पब्लिक सेक्टर बैंक अलायंस (पीएसबीए) द्वारा अपनाया जा रहा है, जिसका उपयोग भारत में डिजिटल परिवर्तन में तेजी लाने के लिए इनोवेटिव, स्केलेबल और सुरक्षित समाधानों के निर्माण के लिए किया जाएगा।

एक ओपन डिजिटल हैल्थ ईकोसिस्टम बनाने के एनएचए के मिशन में योगदान

एडब्लूएस प्लेटफॉर्म की मदद से एनएचए हैल्थकेयर का आबादी के स्तर पर विस्तार कर भारत में ओपन डिजिटल हैल्थ ईकोसिस्टम का निर्माण कर रहा है। इसका उद्देश्य भारत में 1.4 बिलियन की आबादी के लिए इंटीग्रेटेड डिजिटल हैल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करना और भारत सरकार की मुख्य योजनाओं – आयुष्मान भारत-प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) तथा आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम) द्वारा 550 मिलियन से ज्यादा नागरिकों को हैल्थ कवरेज प्रदान करना है। एनएचए एडब्लूएस सर्विसेज़ की मदद से एबी-पीएमजेएवाई प्रोग्राम के मुख्य मॉड्यूल्स का निर्माण करेगा, जिनमें बेनेफिशियरी आईडेंटिफिकेशन सिस्टम और ट्रांज़ैक्शन मैनेजमेंट सिस्टम शामिल हैं। इनसे विस्तृत, चुस्त और सुरक्षित तरीके से बेनेफिशियरी की पहचान और क्लेम ट्रांज़ैक्शन मैनेजमेंट संभव हो सकेगा। पीएमजेएवाई द्वारा आज तक 25 राज्यों और 8 केंद्रीय प्रांतों में 354 मिलियन से ज्यादा आयुष्मान कार्ड जारी किए जा चुके हैं, 30 हजार से ज्यादा अस्पतालों को पैनल में शामिल किया जा चुका है, तथा 68 मिलियन लोगों के हॉस्पिटलाईज़ेशन को कवर किया जा चुका है।

जीईएम दुनिया के सबसे बड़े पब्लिक प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म के निर्माण में समर्थ होगा

दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पब्लिक प्रोक्योरमेंट प्लेटफॉर्म, गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जीईएम) द्वारा एडब्लूएस का उपयोग एक मजबूत, विस्तृत और सुरक्षित क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण करने के लिए किया जा रहा है। जीईएम सरकारी संगठनों और पब्लिक सेक्टर द्वारा पब्लिक प्रोक्योरमेंट डोमेन (वस्तु एवं सेवाओं के लिए) में पारदर्शिता, प्रभावशीलता और समावेशिता लाता है। जीईएम के ई-प्रोक्योरमेंट फीचर्स, जैसे डायरेक्ट परचेज़िंग, बिडिंग, रिवर्स ऑक्शन, प्राईस मैचिंग, डिमांड एग्रीगेशन, तथा मार्केटप्लेस, बिज़नेस ऑपरेशंस, एनालिसिस, कस्टमर सपोर्ट और पेमेंट प्रोसेसिंग में सहयोग एडब्लूएस की क्लाउड सेवाओं द्वारा संचालित होते हैं। जीईएम को प्रति सेकंड 9000 पेज व्यू मिलते हैं, और इस पर प्रतिदिन 1.5 मिलियन विनिमय होते हैं। विनिमय का दैनिक औसत सकल व्यापार मूल्य की दृष्टि से लगभग 1,000 करोड़ रुपये है। जीईएम एफिशियंसी बढ़ाने और ग्राहक अनुभव में सुधार लाने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद से अपने प्लेटफॉर्म को डिजिटाईज़, ऑटोमेट और परिवर्तित कर रहा है, तथा ग्राहक-केंद्रित सेवाएं प्रदान करने तथा यूज़र्स को डेटा पर आधारित निर्णय लेने में समर्थ बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (एआई) और जनरेटिव एआई का उपयोग कर रहा है।

भारत के पब्लिक सेक्टर के बैंकों के लिए क्लाउड सेवाएं

इसके अलावा, 12 पब्लिक सेक्टर बैंकों के संगठन, पीएसबीए द्वारा एडब्लूएस की मदद से भारत में पब्लिक सेक्टर के बैंकों को लचीली और ऑप्टिमाईज़्ड क्लाउड कंप्यूटिंग सेवाएं दी जाएंगी। पीएसबीए द्वारा सरकार के इन्हेंस्ड एक्सेस एंड सर्विस एक्सिलेंस (ईएएसई) एजेंडा के अंतर्गत महत्वपूर्ण ग्राहक-केंद्रित सेवाएं दी जाती हैं।

विकसित भारत 2047

एडब्लूएस ने भारत में पब्लिक सेक्टर के ग्राहकों को सेवा प्रदान करने के इन उदाहरणों में बारे में आज नई दिल्ली में आयोजित एडब्लूएस एम्पॉवर इंडिया ईवेंट में बताया। इस साल की ईवेंट का विषय विकसित भारत 2047 है, जो देश के सौंवें स्वतंत्रता दिवस (2047) तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के भारत सरकार के दूरदर्शी सपने का प्रतिनिधित्व करता है। 

इस कार्यक्रम में मुख्य संबोधन डॉ. वर्नर वोगेल्स, चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर, अमेज़न.कॉम ने दिया। उन्होंने कहा, ‘‘छोटे स्टार्टअप्स से लेकर बड़े उद्यमों तक हमारे कई ग्राहक अपने क्लाउड निवेश बढ़ाने और अपव्यय को कम करने के रास्ते तलाश रहे हैं। भारत के लिए यह बहुत आवश्यक है क्योंकि यहाँ पर 1.4 बिलियन लोगों को सेवा देने वाला एक विस्तृत और प्रभावशाली डिजिटल सिस्टम बनाने की एक बड़ी चुनौती है।

डॉ. वर्नर वोगेल्स ने कहा, ‘‘फ्रुगल आर्किटेक्ट एप्रोच से एक लागत-प्रभावी, सस्टेनेबल, और आधुनिक आर्किटेक्चर का निर्माण करने के मुख्य सिद्धांत प्राप्त होते हैं, जिससे बाधाएं इनोवेशन की उत्प्रेरक बनती हैं। मैं इन सिद्धांतों को अपनाने के लिए भारत के बिल्डर्स और संगठनों की तैयारी से प्रेरित हूँ, जो ऐसे इनोवेटिव समाधान बना रहे हैं, जिनसे न केवल तत्कालिक चुनौतियों का हल मिलता है, बल्कि एक सस्टेनेबल, दीर्घकालिक वृद्धि की नींव भी तैयार होती है।’’

एडब्लूएस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के लीडर – पब्लिक सेक्टर, पंकज गुप्ता ने कहा, ‘‘भारत में पब्लिक सेक्टर विकसित भारत 2047 का सरकार का लक्ष्य प्राप्त करने की नींव स्थापित कर रहा है, और क्लाउड एवं एआई टेक्नोलॉजी के आधार पर आबादी के स्तर पर समाधानों का विकास कर रहा है। सरकारी, हैल्थकेयर, और शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तनकारी इनोवेशन डिजिटल राष्ट्र के रूप में भारत की क्षमता को मजबूत बना रहे हैं, तथा विश्व के लिए टेक्नोलॉजी सैंडबॉक्स बन रहे हैं।’’

एडब्लूएस इंडिया प्राईवेट लिमिटेड के लीडर – पब्लिक सेक्टर, पंकज गुप्ता ने कहा, ‘‘एडब्लूएस में हम अपने ग्राहकों के साथ मिलकर इनोवेट करते हैं और उन्हें अपने मिशन को पूरा करने में सहयोग प्रदान करते हैं, फिर वह चाहे बेहतर हैल्थकेयर प्रदान करने या गुणवत्तायुक्त शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए हो या वित्तीय समावेशन बढ़ाने, या छोटे व्यवसायों और स्टार्टअप्स की व्यवसायिक संभावनाओं में सुधार लाने के लिए।

भारत के डिजिटल भविष्य में निवेश

एडब्लूएस ने भारत के डिजिटल भविष्य के लिए भारी निवेश किया है। यह 2016 से 2022 के बीच इनोवेशन लाने और देश के स्थानीय व्यवसायों और संगठनों को समर्थ बनाने के लिए क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में 3.7 बिलियन डॉलर से ज्यादा निवेश कर चुका है। अपने इसी आधार को मजबूत करने के लिए एडब्लूएस 2030 तक भारत में अपने क्लाउड इन्फ्रास्ट्रक्चर में 12.7 बिलियन डॉलर का निवेश और करने की योजना बना रहा है, जिससे भारत में टेक्नोलॉजी के विकास में इसका योगदान बढ़ेगा। यह संयुक्त निवेश भारत में टेक सेक्टर में किए गए सबसे बड़े निवेशों में से एक है, जिसका उद्देश्य देश को ग्लोबल डिजिटल पॉवरहाउस बनने में मदद करना है।

भारत के डिजिटल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध

एडब्लूएस अन्य विभिन्न सरकारी संस्थाओं और ग्राहकों का भी सहयोग करता है। उनमें शामिल हैंः

  • नेशनल स्किल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशनः एनएसडीसी एडब्लूएस पर अपने सिटिजन-स्केल स्किलिंग प्लेटफॉर्म, स्किल इंडिया डिजिटल हब (एसआईडीएच) का संचालन करता है। एसआईडीएच का उद्देश्य भारत में 800 मिलियन यूज़र्स को कुशल कार्यबल का निर्माण करने और पूरी तरह से विकसित भारत का सरकार का उद्देश्य पूरा करने में मदद करना है।
  • स्वच्छ भारत मिशन: आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय (एमओएचयूए) का स्वच्छता ऐप एक मोबाइल-आधारित शिकायत निवारण एप्लिकेशन है, जो भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन में योगदान देता है। यह रियल टाइम ज्योग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम (जीआईएस), एनालिटिक्स-बेस्ड डैशबोर्ड, बिजनेस इंटेलिजेंस, इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी) और स्वच्छता के एसेट्स पर नजर रखने के लिए ड्रोन-बेस्ड मॉनिटरिंग के लिए आधुनिक एडब्लूएस तकनीकों का उपयोग करता है।
  • को-विनः इन उदाहरणों से एडब्लूएस पर राष्ट्रीय प्लेटफॉर्म्स का निरंतर इनोवेशन प्रदर्शित होता है। एडब्लूएस को-विन के संचालन के अलावा, लाखों लोगों के लिए सुगम रजिस्ट्रेशन, रियल टाईम वैक्सीनेशन स्टेटस ट्रैकिंग, और सर्टिफिकेट का निर्माण भी संभव बनाता है। डिजिलॉकर भी एडब्लूएस पर ही चलता है, जिससे नागरिकों को प्रमाणित डिजिटल दस्तावेज कहीं भी और कभी भी उपलब्ध होते हैं।

फिज़िक्सवालाः शिक्षा क्षेत्र में अग्रणी, फिज़िक्सवाला की टेक्नोलॉजी भी एडब्लूएस पर आधारित है। एडब्लूएस द्वारा उन्हें क्लाउड कंप्यूटिंग फाउंडेशन प्रदान किया जाता है, जो उनके सॉल्यूशंस को लाखों विद्यार्थियों के लिए उच्च गुणवत्ता के ऑनलाईन और ऑफलाईन लर्निंग अनुभवों में बदल देता है, ताकि उनका व्यवसाय आगे बढ़ सके।

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