कैंब्रिज ने भारत में अब तक की अपनी सबसे बड़ी मार्च सीरीज़ के परिणाम घोषित किए

- देश में 420 स्कूलों के 17,000 से अधिक विद्यार्थी मार्च सीरीज़ की परीक्षाओं में बैठे।
- कैंब्रिज आईजीसीएसई के लिए एंट्री में 12 प्रतिशत और कैंब्रिज इंटरनेशनल एएस एंड ए लेवल के लिए 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
- कैंब्रिज आईजीसीएसई बायलॉजी के लिए एंट्री पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत बढ़ीं।
नेशनल, 20 मई, 2025 – कैंब्रिज यूनिवर्सिटी प्रेस एंड एसेसमेंट (कैंब्रिज) में इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप ने आज भारत में अपनी मार्च 2025 परीक्षा सीरीज़ के नतीजे घोषित कर दिए। इन परीक्षाओं में देश के 420 स्कूलों से 17,000 से अधिक विद्यार्थी बैठे थे। ज्यादातर विद्यार्थी मार्च सीरीज़ की परीक्षाओं में बैठने का विकल्प चुन रहे हैं, जो भारत के शैक्षणिक कैलेंडर के अनुरूप होती हैं तथा भारत एवं विश्व में प्रगति के मार्ग में सहयोग करती हैं। इससे पहले कैंब्रिज ने मार्च में चेकपॉईंट सीरीज़ शुरू करने की घोषणा की थी, जो 2026 से शुरू होगी। इसका उद्देश्य अंतर्राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप मूल्यांकन तथा शैक्षणिक तालिका में सामंजस्य बिठाना है।
इन परीक्षाओं के लिए 85,000 से अधिक एंट्री प्राप्त हुईं। यह भारत में आयोजित अब तक की सबसे बड़ी मार्च सीरीज़ थी, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 11 प्रतिशत की वृद्धि हुई। कैंब्रिज आईजीसीएसई में पिछले साल के मुकाबले 12 प्रतिशत का उछाल आया, जिसके लिए 62,000 से अधिक प्रविष्टियाँ मिली थीं। वहीं कैंब्रिज एएस एवं ए लेवल के लिए 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 20,000 से अधिक एंट्री प्राप्त हुईं। यह वृद्धि मार्च सीरीज़ द्वारा भारत में विद्यार्थियों को दिए जाने वाले अधिक लचीलेपन और विकल्पों को प्रदर्शित करती है, ताकि वो राष्ट्रीय विश्वविद्यालयों में प्रवेश की समय सीमा को पूरा कर सकें और अंतर्राष्ट्रीय अवसर तलाशने के लिए अधिक समय प्राप्त कर सकें। इस वृद्धि से अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा की बढ़ती वैश्विक मांग भी प्रदर्शित होती है।
बेहतरीन परिणामों के लिए विद्यार्थियों को बधाई देते हुए विनय शर्मा, सीनियर वाईस प्रेसिडेंट, इंटरनेशनल एजुकेशन ग्रुप, कैंब्रिज ने कहा, ‘‘हम भारत में सभी विद्यार्थियों को मार्च परीक्षा के परिणामों के लिए बधाई देते हैं। ये परिणाम उनके अथक परिश्रम का प्रमाण हैं। ये उनके शिक्षकों, माता-पिता और स्कूलों की प्रतिबद्धता प्रदर्शित करते हैं। लगातार बढ़ती एंट्री प्रदर्शित करती हैं कि कैंब्रिज किस प्रकार विद्यार्थियों को प्रीमियम, पूरे विश्व में मान्यताप्राप्त पाठ्यक्रम और वो कौशल प्रदान करता है, जो उन्हें तेजी से बदलती दुनिया में सफलता की ओर ले जाएं। यह भारत एवं विश्व के विश्वविद्यालयों के द्वार उनके लिए खोलता है।’’
कैंब्रिज पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को अपनी शैक्षणिक रुचि और करियर के अनुरूप विभिन्न विषयों को चुनने का लचीलापन मिलता है। कैंब्रिज आईजीसीएसई और एंटरनेशनल एएस एवं ए लेवल के सबसे लोकप्रिय विषय मैथमैटिक्स, फिज़िक्स और कैमिस्ट्री हैं, जिससे भारतीय विद्यार्थियों का स्टेम विषयों की ओर झुकाव प्रदर्शित होता है। कैंब्रिज आईजीसीएसई बायलॉजी की लोकप्रियता बढ़ रही है। इसके लिए एंट्री पिछले साल के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा थीं। इससे स्टेम विषयों में इसकी ओर बढ़ती रुचि प्रदर्शित होती है। भारतीय विद्यार्थियों के बीच जीवविज्ञान का महत्व बढ़ रहा है।
परीक्षा की एंट्री में भविष्य के कौशलों की ओर ज्यादा ध्यान रहा। कैंब्रिज आईजीसीएसई ग्लोबल पर्सपेक्टिव में एंट्री 24 प्रतिशत बढ़ीं। विद्यार्थियों को दुनिया की सबसे गंभीर समस्याओं में संलग्न करके कैंब्रिज ग्लोबल पर्सपेक्टिव द्वारा क्रिटिकल थिंकिंग, रिसर्च एवं सहयोगपूर्ण प्रॉब्लम सॉल्विंग कौशलों का विकास किया जाता है, जो तेजी से विकसित होते हुए वैश्विक परिदृश्य में बहुत महत्वपूर्ण हैं। कैंब्रिज इंटरनेशनल एएस एवं ए लेवल में अर्थव्यवस्था और बिज़नेस की भी मजबूत स्थिति रही। ये क्रमशः चौथे और पाँचवें स्थान पर आए, जिससे वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति को समझने की गहरी रुचि प्रदर्शित होती है।
भारत में 800 से अधिक स्कूल कैंब्रिज अंतर्राष्ट्रीय पाठ्यक्रम पेश करते हैं, जो 160 देशों के 10,000 से अधिक स्कूलों में पढ़ाया जाता है। कैंब्रिज ने भारत में मार्च सीरीज़ पेश की, ताकि यह प्रवेश की स्थानीय समय सीमाओं के अनुरूप हो सके और विद्यार्थियों को उनके नतीजे समय से मिल सकें। भारतीय विद्यार्थी जून और नवंबर सीरीज़ में भी कैंब्रिज परीक्षाओं में बैठ सकते हैं।