विश्व में नियुक्तियाँ कम होने पर भी भारत में औपचारिक नौकरियों में उछाल: इनडीड

बैंगलोर, 13 जून 2025: ग्लोबल मैचिंग और हायरिंग प्लेटफॉर्म, इनडीड द्वारा जारी नए आंकड़ों के मुताबिक मई में, इनडीड पर भारतीय नौकरियों की पोस्टिंग में जबरदस्त उछाल आया और इसमें लगातार आठ महीने तक गिरावट के बाद 8.9% की प्रभावशाली वृद्धि हुई। हालांकि, यह एक साल पहले के मुकाबले 1.8% और अपने शिखर से लगभग 16% कम है। हाल ही में हुई गिरावट के बाद भी भारतीय नौकरियों की पोस्टिंग कोविड-पूर्व स्तर की तुलना में लगभग 80% ज़्यादा है। अन्य मुख्य देश, जहाँ इनडीड मौजूद है, वहाँ तुलना समान नहीं हैं।
यूनाइटेड किंगडम, न्यूज़ीलैंड और स्विटज़रलैंड जैसे कई देशों में पोस्टिंग वॉल्यूम इस समय कोविड-पूर्व स्तर की तुलना में कम है। अगर इस तुलना को देखा जाए, तो भारत में पोस्टिंग वॉल्यूम बहुत अच्छा है।
इनडीड के सीनियर इकोनॉमिस्ट, एशिया-पैसिफिक, कैलम पिकरिंग ने कहा, “भारत में नौकरियाँ अन्य देशों के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैं, क्योंकि देश में अधिक औपचारिक आर्थिक व्यवस्थाओं का निर्माण हो रहा है। देश में होते इस बदलाव के साथ औपचारिक क्षेत्र में नौकरियाँ पूरे देश में हो रही रोजगार वृद्धि के मुकाबले ज़्यादा तेजी से बढ़ेंगी, जो हमें पिछले सालों में देखने को मिला है। अन्य अर्थव्यवस्थाओं में इस तरह के बदलाव नहीं हो रहे हैं।”
भारत में लगभग 80% व्यवसायों में नौकरियों की पोस्टिंग पिछले तीन महीनों में काफी बढ़ी है। सबसे ज़्यादा नौकरियाँ चाइल्डकेयर (+27%), पर्सनल केयर एवं होम हेल्थ (+25%), शिक्षा (+24%), और उत्पादन एवं विनिर्माण (+22%) में बढ़ीं। इस वृद्धि से डेंटल सेक्टर में नौकरियों में आई कमी की कुछ भरपाई हो सकती है, जो पिछले तीन महीनों में 10.2% कम हुई हैं। इसके अलावा, कृषि और वानिकी (-8.6%), सामुदायिक और सामाजिक सेवा (-6.8%) और सॉफ़्टवेयर विकास (-4.2%) में भी नौकरियों की पोस्टिंग नीचे की ओर गई है।
हालाँकि हाल ही में सॉफ़्टवेयर डेवलपमेंट में अवसर कम हुए हैं, पर इनडीड पर यह सेक्टर सबसे अधिक नौकरियां पोस्ट करता है, हर पाँच भारतीय नौकरी की पोस्टिंग में एक पोस्टिंग इसी सेक्टर की होती है। इससे साफ होता है कि भारत के उभरते हुए औपचारिक क्षेत्र में तकनीकी क्षेत्र का कितना प्रभाव रहा है, जिसमें मल्टीनेशनल कंपनियाँ भारत के विशाल प्रतिभा पूल को अवसर प्रदान कर रही हैं।
जनरेटिव एआई की नौकरियाँ बढ़ रही हैं
इनडीड के मुताबिक मई 2025 तक, 1.5% भारतीय नौकरियों के लिए जनरेटिव एआई के कौशल की स्पष्ट मांग की गई थी, जो पिछले साल के मुकाबले दोगुने से भी अधिक है।
जनरेटिव एआई के अवसर तकनीक के क्षेत्र पर केंद्रित हैं, जो लगातार बढ़ते जा रहे हैं। लगभग 12.5% डेटा एनालिटिक्स पदों के लिए जनरेटिव एआई की मांग की गई। सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट के लिए यह 3.6% और वैज्ञानिक अनुसंधान के लिए 3.1% थी। ऑफिस के कई पदों के लिए इसकी मांग की गई, जिनमें मार्केटिंग (1.1% जॉब पोस्टिंग) और मैनेजमेंट (0.9%) शामिल हैं।
उन नौकरियों के लिए क्षेत्रीय केंद्र उभरे हैं जो या तो जनरेटिव एआई का उपयोग करती हैं या इसे विकसित करने में मदद करती हैं। कर्नाटक में 2.4% तथा तेलंगाना में 2.3% जॉब पोस्टिंग के लिए जनरेटिव एआई की मांग की गई। महाराष्ट्र में जनरेटिव एआई के लिए दूसरे सबसे बड़ी संख्या में अवसर और इसकी नौकरी के लिए सबसे अधिक अवसर मौजूद हैं। पर केवल 1% जॉब पोस्टिंग में ही इसका उल्लेख किया गया।
भारत के औपचारिक क्षेत्र में नौकरियों की स्थिति मजबूत है, जो मई में तेजी से बढ़ीं। इस क्षेत्र में कर्मचारियों के आने से काम में कम उत्पादकता से उच्च उत्पादकता की ओर परिवर्तन संभव हो रहा है। भारत में काम करने वालों की कोई कमी नहीं है, पर सही कौशल तलाशना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है।