रिश्तों की आजादी तर्ज पर हुआ नुक्कड़ नाटक…

लखनऊ : लोहिया पार्क के रंगमंच में पैगाम 23 का फाइनल राउंड पैगाम 23वी यंगस्टर्स फाउंडेशन की ओर से हुआ आयोजन लखनऊ। नुक्क्ड़ नाटक की प्रतियोगिता शृंखला पैगाम 23वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा आयोजित की जाती है, कार्यक्रम की शुरूवात लखनऊ के शीरोज हैंगआउट कैफे में प्री राउंड के साथ हुई जिसके बाद 15 से 20 अक्टूबर को सेमी फाइनल्स राउंड हुए। कार्यक्रम में लखनऊ के विभिन्न विश्विद्यालय व शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थी भाग लेते है। नुक्क्ड़ नाटक के इस वर्ष की थीम रिश्तों की आजादी रखी गयी।
लोहिया पार्क के रंगमंच में पैगाम 23 का फाइनल राउंड पूर्ण हुआ जिसमें आईटी गर्ल्स कॉलेज, बीबीडी यूनिवर्सिटी, जीसीआरजी एवं नेशनल एसोसिएशन फॉर द ब्लाइंड एनजीओ के बच्चों द्वारा नुक्क्ड़ नाटक प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति ए आर मसूदी, वरिष्ठ न्यायमूर्ति उच्च न्यायालय लखनऊ खंडपीठ कार्यक्रम में मौजूद रहे। विशेष अतिथियों के रूप में सेवा निवृत न्यायमूर्ति के एस राखरा, न्यायमूर्ति महेंद्र दयाल वरिष्ठ अधिवक्ता आई बी सिंह, जे एन माथुर, अभिनव एन त्रिवेदी, अनिल प्रताप सिंह, बॉलीवुड के अभिनेता डॉ अनिल रस्तोगी, पुनीत अस्थाना, आतमजीत सिंह, रजा अवस्थी, अंशुमाली टंडन, वरुण टम्टा, महेंद्र चंद्र देवा मौजूद रहें।
नुक्कड़ नाटक को प्रतियोगिता के रूप में समाज के बीच में ले जाने की वजह सिर्फ यही है की इससे बेहतर समाज के बीच में जागरूकता लाने का माध्यम नहीं हो सकता लेकिन वर्तमान समय में नुक्कड़ नाटक महज कुछ सरकारी योजनाओं के प्रचार का माध्यम मात्र रह गया है इसे विलुप्त होने से बचाने और समाज के प्रति युवा पीढ़ी को सवेंदनशील बनाने का प्रयास है। इस वर्ष रिश्तों की आजादी शीर्षक के माध्यम से रिश्ते के प्रति जिम्मेदारी और सवेंदनशील की आवश्यकता को बताने का प्रयास किया जा रहा है और साथ ही मी टाइम और पर्सनल स्पेस के नाम पैर हम जिस तरह से अपनों को समय नहीं डरे और हर सख्श अकेले और डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा है। इसके प्रति समाज का ध्यान केंद्रित करने का प्रयास किया गया।
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