साल का अंतिम चंद्र ग्रहण होगा कल : जानिए सबकुछ

नई दिल्ली: दीपावली के ठीक १५ दिन पहले और सूर्य ग्रहण के १४ दिन बाद इस साल का अंतिम चंद्र – ग्रहण कल यानि 28 अक्टूबर को होने जा रहा है, जिसे भारत के अलावा दुनिया के अधिकांश देशों में देखा जायेगा। इसका आरम्भ 28-29 अक्टूबर की मध्य रात्रि में होगा. यह 28 तारीख को रात्रि 11.31 पर आरम्भ होगा. यह ग्रहण अपनी पूर्णता पर रात्रि 01.45 बजे होगा. ग्रहण 29 तारीख को प्रातः 03.56 पर समाप्त होगा.

चंद्रग्रहण सिर्फ और सिर्फ वैज्ञानिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि धार्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण घटना है। साल का अंतिम चंद्रग्रहण शरद पूर्णिमा के दिन लगने जा रहा है। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा पर ग्रहण लगना बेहद महत्वपूर्ण होने वाला है। इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण मेष राशि में लगने जा रहा है। ग्रहण का असर सभी राशियों पर दिखाई देने वाला है।

▪चंद्र-ग्रहण का समय-:
चंद्रग्रहण 28 अक्टूबर 2023, शनिवार देर रात 1 बजकर 45 मिनट से लेकर 2 बजकर 24 मिनट तक रहेगा। यानी यह ग्रहण 1 घंटा 18 मिनट का रहेगा। इस चंद्र ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य होगा।

▪ग्रहण सूतक काल समय-:
चंद्रग्रहण का सूतक काल ग्रहण के 9 घंटे पूर्व से शुरु हो जाता है अतः भारतीय समय अनुसार, चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर आरंभ हो जाएगा। इस ग्रहण में चंद्रबिम्ब दक्षिण की तरफ से ग्रस्त होगा।

▪देश और दुनिया में कहां- कहां दिखाई देगा ग्रहण-:
चंद्रग्रहण भारत, ऑस्ट्रेलिया, संपूर्ण एशिया, यूरोप, अफ्रीका, दक्षिणी-पूर्वी अमेरिका, उत्तरी अमेरिका, कैनेडा, ब्राजील , एटलांटिक महासागर में यह ग्रहण दिखाई देगा। भारत में यह ग्रहण पुए काल यानि शुरुआत से अंत तक दिखाई देगा।

▪सूतक काल में इन कार्यों से करें परहेज -:

चंद्रग्रहण का सूतक शाम में 4 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ हो जाएगा। इस दौरान आपको किसी प्रकार का मांगलिक कार्य, स्नान, हवन और भगवान की मूर्ति का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस समय आप अपने गुरु मंत्र, भगवान नाम जप, श्रीहनुमान चालीसा कर सकते हैं।

चंद्र ग्रहण- सूतक काल के दौरान भोजन बनाना व भोजन करना भी उचित नहीं है। हालांकि, सूतक काल में गर्भवती स्त्री, बच्चे, वृद्ध जन भोजन कर सकते हैं। ऐसा करने से उन्हें दोष नहीं लगेगा। ध्यान रखें की सूतक काल आरंभ होने से पहले खाने पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डाल दें। इसके अलावा आप इसमें कुश भी डाल सकते हैं।

▪चंद्र ग्रहण पुण्य काल-:
चंद्र, ग्रहण से मुक्त होने के बाद स्नान- दान- पुण्य- पूजा उपासना इत्यादि का विशेष महत्व है। अतः 29 अक्टूबर, सुबह स्नान के बाद भगवान की पूजा- उपासना, दान पुण्य करें। ऐसा करने से चंद्र ग्रहण के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।

इन राशियों पर होगा चंद्र ग्रहण का शुभ प्रभाव-:
यह चंद्र ग्रहण मेष राशि और अश्विनी क्षत्र में लग रहा है। जहां पहले से ही गुरु ग्रह विराजमान हैं, इस तरह चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। गजकेसरी योग के साथ इस दिन रवि योग, बुधादित्य योग, शश योग और सिद्धि योग भी लगने जा रहा है। चंद्र ग्रहण के दिन इन शुभ योग के बनने से कई राशियों के किस्मत के दरवाजे खुलेंगे, ज्योतिषियों के अनुसार चंद्र ग्रहण के कारण मिथुन, सिंह, तुला, धनु ,मकर और कुम्भ राशि वालों के जीवन में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं, करियर में तरक्की होगी, धन लाभ, सुख और सौभाग्य में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

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