विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास, 14 साल बाद कहा अलविदा

विराट कोहली ने टेस्ट क्रिकेट से लिया संन्यास: एक युग का समापन
भारतीय क्रिकेट के सुपरस्टार विराट कोहली ने 12 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा की, जिससे उनके 14 वर्षों के शानदार करियर का समापन हुआ। यह कदम उनके साथी खिलाड़ी और पूर्व कप्तान रोहित शर्मा के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद उठाया गया है।
कोहली ने 2011 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक शामिल हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 68 टेस्ट मैचों में से 40 में जीत दर्ज की, जो उन्हें टेस्ट क्रिकेट में सबसे सफल भारतीय कप्तान बनाता है। कोहली का यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के समापन का प्रतीक है, और उनकी उपलब्धियाँ आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेंगी।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट करियर
विराट कोहली ने 20 जून 2011 को वेस्ट इंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था। अपने करियर के दौरान, उन्होंने 123 टेस्ट मैचों में 9,230 रन बनाए, जिसमें 30 शतक और 31 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 254 रन था, जो उन्होंने 2019 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पुणे में बनाया था।
कोहली की कप्तानी में, भारत ने 2014 से 2022 तक 68 टेस्ट मैचों में से 40 में जीत हासिल की, जिससे वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने। उनकी कप्तानी में भारत ने 2021 और 2023 में वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश किया।
कोहली का संन्यास पर बयान
अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में, कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को अपने जीवन का अभिन्न हिस्सा बताया और कहा कि उन्होंने इस प्रारूप में जो कुछ भी किया, वह पूरी निष्ठा और समर्पण से किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वह वनडे क्रिकेट और आईपीएल में खेलते रहेंगे।
कोहली की उपलब्धियाँ
- मैच: 123 टेस्ट मैच
- रन: 9,230 रन
- सेंचुरी: 30 शतक
- औसत: 46.85
- डबल सेंचुरी: 7 (भारत में सबसे अधिक)
- कप्तानी: 2014 से 2022 तक भारत के टेस्ट कप्तान रहे, जिन्होंने 68 मैचों में से 40 में जीत दर्ज की, जिससे वह भारत के सबसे सफल टेस्ट कप्तान बने।
- ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ प्रदर्शन: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2,232 रन बनाए, जिसमें 9 शतक शामिल हैं, जो उनके करियर की सबसे बड़ी उपलब्धि मानी जाती है।
कोहली का प्रभाव
विराट कोहली ने न केवल भारतीय क्रिकेट को नई दिशा दी, बल्कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट के प्रति युवाओं में जागरूकता और रुचि भी बढ़ाई। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली और कप्तानी ने भारत को दुनिया की सबसे मजबूत टेस्ट टीमों में से एक बना दिया। विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट पर प्रभाव भारतीय क्रिकेट के लिए अभूतपूर्व रहा है। उनकी आक्रामक बल्लेबाजी शैली, फिटनेस के प्रति समर्पण और नेतृत्व क्षमता ने युवा खिलाड़ियों को प्रेरित किया है।
कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को केवल एक खेल नहीं, बल्कि एक चुनौती के रूप में प्रस्तुत किया, जिससे युवा पीढ़ी में इस प्रारूप के प्रति रुचि और सम्मान बढ़ा। उनकी कप्तानी में भारत ने विदेशों में टेस्ट मैचों में सफलता प्राप्त की, जिससे यह संदेश गया कि टेस्ट क्रिकेट में भी सफलता संभव है। कोहली ने टेस्ट क्रिकेट को वैश्विक मंच पर प्रासंगिक बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भविष्य की ओर
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। अब भारतीय टीम को नए खिलाड़ियों के साथ भविष्य की ओर अग्रसर होना होगा। हालांकि कोहली वनडे और आईपीएल में खेलते रहेंगे, लेकिन टेस्ट क्रिकेट में उनकी कमी भारतीय टीम के लिए खलने वाली है।
विराट कोहली का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक युग के समापन का प्रतीक है। उनकी उपलब्धियाँ और योगदान हमेशा याद रखे जाएंगे।