जानते हैं क्या होगी कांग्रेस की 2024 लोक सभा चुनाव लड़ने की रणनीति

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस सीटों  को लेकर अपने रुख में बदलाव करने का संकेत दिया है और सहयोगी दलों के साथ एक साझा निति के तहत चुनाव में उतरने का मन बना रही  है। पार्टी 255 सीटों पर मिशन मोड में आना चाहती है।  देश के बड़े राज्यों में  जैसे यूपी, बिहार, महाराष्ट्र , पश्चिम बंगाल जहाँ  कांग्रेस  अब अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है अपने INDIA के सहयोगी दलों के साथ समझौते के साथ लोक सभा का चुनाव लड़ना चाह रही है।  कांग्रेस अपने रुख में इस लिए नरमी बरत रही है क्यूंकि हाल में हुए मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पार्टी को आशातीत सफलता नहीं मिली।  लब्बोलुबाब ये है की इस लचीलेपन से कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के  साथ सीटों को लेकर जल्द ही बात शुरू कर सकती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस बाबत पार्टी के बड़े नेताओं के सामने इस बारे में अपनी राय राखी है। 

विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ब्लॉक में सहयोगी पार्टियों के बीच सीट शेयरिंग को खींचतान और तनाव बना हुआ है. इस परिस्थिति में सबसे अधिक मुश्किलों का सामना कांग्रेस को करना पड़ रहा है।  राज्यों के हिसाब से देखे तो पश्चिम बंगाल में TMC ने कांग्रेस पार्टी को राज्य में 2 सीट देने की बात कही, जिसपर शायद कांग्रेस के नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दिया था।  उत्तर प्रदेश  में समाजवादी  पार्टी  और बसपा के रुख में नरमी नहीं दिख रही है, इससे वहां भी अपने सहयोगियों से ज्यादा रहमदिली की उम्मीद कांग्रेस को नहीं करनी चाहि।  बिहार  में कांग्रेस सत्त्ता में जदयू और राजद के साथ है , पर अपने कमजोर होते वोट बैंक के कारण,  चुनाव में  अपने साथी पार्टियों से ज्यादा सीटों की उम्मीद करना बेमानी लगता है। दिल्ली और पंजाब में आप पार्टी शासन में है, और कांग्रेस की राजनैतिक भूमिका अभी विपक्ष की है , तो 2024 की लोक सभा चुनाव में इनका आपसी तालमेल भी संदेह के घेरे में है।

कांग्रेस के नेता राहुल गाँधी ने    भारत जोड़ो यात्रा की थी , जो सितम्बर २०२२ में शुरू हुयी थी और जनवरी 2023 तक चली थी , जिसका फायदा कांग्रेस को मिली थी और कर्नाटक  में कांग्रेस को सत्ता मिली, अब फिरसे  राहुल गांधी एक बार अपनी दूसरी  यात्रा शुरू करने जा रहे हैं. इस बार उनकी यात्रा का नाम होगा भारत जोड़ो न्याय यात्रा. इसकी शुरुआत 14 जनवरी को पूर्वोत्तर के इंफाल से होगी और 20 मार्च को मुंबई में खत्म होगी।  पूरी  यात्रा 15 राज्यों के 116 जिलों से गुजरेगी . यात्रा इन 66 दिनों में 6713 किमी की दूरी तय करेगी।  कभी कांग्रेस का गढ़ रहे और आज बेहद कमजोर हो चले उत्तर प्रदेश से यह यात्रा सबसे ज्यादा दिनों तक गुजरेगी।  सबसे अहम् बात इस यात्रा में आम लोगों के साथ गठबंधन में शामिल सभी पार्टियों को कांग्रेस की ओर से यात्रा में शामिल होने का न्योता दिया गया है.  कांग्रेस को उम्मीद है की इस यात्रा के माध्यम से सत्ता हासिल की जाये या फिर कांग्रेस पार्टी ज्यादा ताकतबर होकर उभरे , हलाकि इसका जवाब फ़िलहाल तोह  भविष्य के गर्भ  में छुपा है।  

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