फिल्म ‘लुकिंग फॉर चल्लन को इन्वेस्टिगेटिव फिल्म श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार मिला
नई दिल्ली: नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने 69वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों के विजेताओं को सम्मानित किया। इस समारोह में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र न्यास ने भी अपनी शानदार उपस्थिति दर्ज कराई। केंद्र की फिल्म ‘लुकिंग फॉर चल्लन’ को ‘सर्वश्रेष्ठ खोजी (इन्वेस्टिगेटिव) फिल्म’ श्रेणी में वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार प्रदान किया गया। आईजीएनसीए की ओर से यह पुरस्कार केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी और फिल्म के निर्देशक बप्पा रे ने ग्रहण किया। पुरस्कार के अंतर्गत प्रशस्ति पत्र, रजत कमल और 50,000 रुपये का नकद पुरस्कार फिल्म के निर्नाता आईजीएनसीए और निर्देशक को प्रदान किया गया।
‘लुकिंग फॉर चल्लन’ केरल के नीलांबर जंगल की संस्कृति और विरासत की आकर्षक दुनिया को गहराई से उजागर करता है। यह केरल के नीलांबर वन क्षेत्र में निवास करने वाली चोलानायकन जनजातीय समुदाय की समृद्ध परम्पराओं की अनकही कहानियों पर भी प्रकाश डालता है।
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ खोजी फिल्म के रूप में ‘लुकिंग फॉर चल्लन’ को मिली मान्यता टीम के अटूट समर्पण और सहयोगात्मक भावना का प्रमाण है। फिल्म के निर्देशक बप्पा रे ने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा कि फिल्म की यात्रा किसी सम्मान से कम नहीं है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह सम्मान अनदेखी कहानियों को उजागर करने के उनके जुनून को और प्रज्वलित करेगी।
एक उत्कृष्ट सिनेमाई कृति होने के अलावा, ‘लुकिंग फॉर चल्लन’ दूरियों को पाटने की कहानी कहने की क्षमता, अपनी संस्कृति का उत्सव मनाने और परिवर्तन के आह्वान का सशक्त प्रमाण है। यह न केवल फिल्म निर्माता के लिए, बल्कि उन सभी के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा है, जो प्रकृति के आकर्षण और चोलानायकन जनजातीय समुदाय के लचीलेपन को पुनः अनुभव करने की आकांक्षा रखते हैं।
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र उन अनकही कहानियों को सामने लाने के लिए प्रतिबद्ध है, जो लोगों के साथ साझा किए जाने योग्य हैं। आईजीएनसीए के अथक प्रयासों के माध्यम से ‘लुकिंग फॉर चल्लन’ जैसे सिनेमाई रत्नों को आवाज मिलती है और वे दुनिया भर के दर्शकों के दिलों को गहराई से छूती है।