महाकाव्य महाभारत पर आधारित है ‘उरुभंगम’…

लखनऊ : प्राजंल सिंह के निर्देशन में नाटक उरुभंगम का मंचन संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे सभागार में किया गया। उरुभंगम एक संस्कृत नाटक है जो भास द्वारा दूसरी या तीसरी शताब्दी में लिखा गया था। व्यास द्वारा लिखित प्रसिद्ध महाकाव्य महाभारत पर आधारित उरुभंगम भीम के साथ लड़ाई के दौरान और उसके बाद के चरित्र दुर्योधन की कहानी पर केंद्रित है।

नाटक में दिखाया गया कि गदा युद्ध में दुर्योधन भीम से श्रेष्ठ था और दोनों के बीच युद्ध के दौरान जब भीम दुर्योधन को हराने में विफल हो रहा था तब श्रीकृष्ण के आदेशानुसार छलपूर्वक दुर्योधन की जंघा पर वार कर उसे घायल कर दियाण् इस प्रकरण से गुरु बलराम भीम पर क्रोधित हो जाते हैं और साथ ही धृतराष्ट्र, गांधारी, दुर्जय और अश्वथामा भी दुर्योधन को इस स्थिति में देखकर परेशान और दुखी हो जाते हैं, तब दुर्योधन कहता है कि मैं अपने दुष्कर्मों का फल भोग रहा हूं अत: आप सभी लोग क्रोध त्याग कर पांडवों को क्षमा कर दें। वह दुर्जय से यह भी कहता है कि वह पांडवों का उतना ही सम्मान करे जितना वो हम लोगों का करता है। नाटक के अंत में दुर्योधन अपने पूर्वजों का आह्वान करते हुए मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।
यह नाटक प्रांजल सिंह द्वारा निर्देशित और डिजाइन किया गया है और आयुष राय द्वारा प्रबंधित किया गया है और इसमें शामिल कलाकार थे दुर्योधन के रूप में अभिजीत सिंह, अश्वत्थामा के रूप में उत्कर्ष तिवारी और बलदेव के रूप में आयुष राय और शालिनी उपाध्याय, अतुल माने, पूजा, प्रदीप, राजा, अमन, सारांश आकाश, प्रियांशु, प्रसून, सूरज, रवि, दिव्यानी, ऋषभ और अंकिता। बैकस्टेज का प्रबंधन आकृति गुप्ता और ओमकार ने किया। हारमोनियम पर पृथ्वी यादव, प्रकाश विकाश दुबे का, बीट्स शुभम तिवारी का संगीत प्रांजल सिंह का रहा।

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