चांद के दीदार और पति के प्यार से पूरा हुआ करवा चौथ का व्रत…
: बिना अन्न-जल ग्रहण किए, सुहागनों ने पति की लंबी आयु के लिए रखा उपवास, घरों में बने स्वादिष्ट पकवान…
लखनऊ : पति की दीर्घायु के लिए बुधवार को सुहागिनों ने करवा चौथ का निर्जला व्रत रख कर पूजन-अर्चन किया। व्रती महिलाओं ने चांद को अर्घ्य देकर पति की दीर्घायु के लिए कामना की। सुहागिन व्रती महिलाओं ने थाल में पूजन सामग्री सजाकर अपने पति को चलनी में निहारा और उनकी लंबी उम्र की कामना की। सुबह होते-होते सबके हाथों की मेहंदी का रंग चढ़ चुका था। सरगी और मिठाई खाकर सबने व्रत रखा। दिनभर सास के साथ रसोई में पकवान बनाते गुजरा तो पतियों को इस हिदायत के साथ घर से जाने की इजाजत दी गई की वक्त से घर वापिस आ जाए।
करवा चौथ व्रत की तैयारी में दो दिन पहले से ही महिलाएं जुटी रहीं। सुहागिन महिलाओं ने करवा चौथ व्रत के लिए करवा, सुहाग का सामान और कपड़े की खरीदारी की। बुधवार को सुहागिनों ने पति की दीर्घायु के लिए निर्जला व्रत रखा। शाम को चांद निकलते ही सुहागिनों ने शृंगार कर थाल में पूजन सामग्री रखकर पूजन अर्चन किया और चांद को अर्घ्य दिया। शहर में जगह जगह व्रती महिलाओं ने शाम के समय सामूहिक रूप से भी पूजन-अर्चन किया। करवाचौथ पर्व की चहल-पहल बुधवार को शहर में सुबह से ही शुरू हो गई थी। महिलाओं ने सुबह जल्दी उठकर सरगई करवाचौथ पर्व पर सुबह के समय खाए जाने वाले व्यंजन खाई और उसके बाद पति की लंबी आयु के लिए कठिन व्रत किया। कॉलोनियों और मोहल्लों में सुहागिनें एकत्रित हुईं और करवाचौथ पर्व की कहानी सुनी। बहुत सी महिलाओं ने मंदिरों में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और करवाचौथ पर्व की कहानी सुनी। सुहागिनों ने दोपहर बाद से ही सजने-संवरने का काम भी शुरू कर दिया था और रात्रि के भोजन की तैयारी के साथ चांद निकलने का इंतजार भी करनी लगी। बहुत से पति भी गुरुवार को जॉब से जल्दी वापस आ गए ताकि चांद निकलने के समय वो पत्नी के साथ रहें। रात्रि में जैसे ही चांद निकला सुहागिनों ने अर्घ्य दिया। उसके बाद पहले पति के हाथ से पानी पिया और फिर मीठा खाकर अपना व्रत खोला।
शाम होते-होते सभी महिलाएं सज-संवरकर तैयार हो चुकी थीं। इंतजार था तो बस चांद का, खूबसूरत फूलों से सजी पूजा की थाली में रंग बिरंगे करवों को लेकर चांद के इंतजार में बेकरार महिलाएं आसमान पर टकटकी लगाए खड़ी रही। बादलों की लुका छिपी के बीच आखिरकार 8 बजकर 05 मिनट पर चांद का दीदार हुआ और उस दीदार के बाद सुहागनों के चेहरे से उपवास की थकान की जगह मुस्कुराहट बयां होने लगी। चलनी में चांद देखकर चांद की पूजा के बाद पति की पूजा-आरती की और उनके हाथों से पानी पीकर से पतिव्रताओं ने अपना व्रत पूरा किया।शृंगार नारी की शोभा है तो सबसे बड़ी कमजोरी भी। करवा चौथ के पूजन के लिए जुटी महिलाओं के बीच अपने शृंगार को कैमरे में कैद कर लेने की होड़ सी मची रही। महिलाएं अपनी सखियों के साथ सेल्फी लेते हुए प्रसन्नचित्त नजर आ रही थीं। पूजन से पहले और बाद में महिलाओं ने सेल्फी ली, लेकिन करवा पूजन के दौरान भी कई महिलाएं सेल्फी में मगन दिखीं।
जगह-जगह किये गए आयोजन:
मेरी पहली करवाचौथ है, तो इसे बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। मैंने सुबह सरगई खाने के बाद पति की लम्बी आयु के लिए व्रत रखा। दोपहर बाद करवाचौथ पर्व की कथा सुनी और मंदिर जाकर पूजा की। हमारी जॉइंट फैमिली है, तो रात में सभी ने एक साथ व्रत खोला और उसके बाद पार्टी का आयोजन भी हुआ।
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