धनतेरस पर सजी दुकानें, बर्तन बाजार तैयार…
लखनऊ : धन त्रयोदशी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है और इस वर्ष 10 नवंबर को धनतेरस मनाई जाएगी। इसके लिए बाजार पूरी तरह से तैयार है। दीप पर्व पर चाहे जितनी भी खरीदारी की जाए, जब तक बर्तन खरीदा न जाए पूजा विधि अधूरी ही समझी जाती है। कारोबारियों ने भी खूब तैयारियां कर रखी हैं, चाहे यहियागंज बाजार हो या फिर शहर के प्रमुख बाजारों.मॉल में स्थित प्रतिष्ठान, ग्राहकों को लुभाने के लिए कुछ न कुछ नया जरूर मंगाया है। कारोबारियों का कहना है कि स्टील के बर्तन तो शगुन करने को खरीदे जाएंगे ही, जर्मन सिल्वर व पीपल के बर्तनों की जबरदस्त मांग को देखते हुए डिजाइनर बर्तनों की विशेष रेंज निकाली है। कारोबार में 20 फीसदी तक वृद्धि के आसार जताए जा रहे हैं।
: चमक और नक्काशी लाजवाब…
शहर में बर्तनों के प्रतिष्ठानों में स्टील के साथ-साथ कांसे और पीतल के बर्तनों की चमक अलग ही नजर आ रही है। कारोबारी अर्पित अग्रवाल कहते हैं कि लग्जरी ब्रास के बर्तनों का विशाल संग्रह देखने को मिलेगा। इसी को टक्कर दे रहा है सोने सी चमक वाली नैवैद्यम श्रेणी के बर्तन। निश्चित तौर पर जिसे भी इसमें खाना परोसा जाएगा, वो इसकी खूबसूरत नक्काशी से प्रभावित हुए भी नही रह सकता। रसोई में इस्तेमाल होने वाले हर बर्तन इस धातु में हैं। कारोबारियों का कहना है कि उच्च वर्ग इसे देखता है, पसंद करता है, और क्रॉकरी खरीद कर ले जाता है, जबकि उच्च मध्यम वर्ग में धातु वाले बर्तन बहुत पसंद किए जा रहे हैं। मॉल व सुपर स्टोर जैसी दुकानों में भी ब्रांडेड क्रॉकरी और नॉनस्टिक बर्तनों के बीच ब्रास के बर्तनों ने जगह बना ली है।
: 100 रुपये का रंग बदलने वाला गिलास भी…
थोक व परंपरागत बाजारों से खरीदारी करने वाले अक्सर यहियागंज की ओर रुख करते हैं। यहां पर 100 रुपये का रंग बदलने वाला गिलास भी खास है तो 6000 रुपये मूल्य का पीतल का कुकर भी मिलेगा। गिलास की खास बात ये बताई जा रही है कि पानी ठंडा डाला जाएगा तो गिलास का रंग नीला या नारंगी हो जाएगा। ग्राहकों को लेकर पानी डालकर टेस्ट कराकर दे रहे हैं। इसी तरह 1000 रुपे से 1800 रुपये की कीमत वाली बाल्टी जल चढ़ाने के लिए। कारोबारियों का दावा ये भी है कि 3000 से 7000 रुपये की कीमत में ऐसी बाल्टी भी है जो पानी को फिल्टर करने का काम भी करती है। पीतल की थाली-कटोरी, चम्मच का सेट 2400 रुपये में है।
इस बाजार में लोग पुराने बर्तनों को बदलकर नए भी ले जाते हैं। 50 रुपये किलो में पुराने स्टील के बर्तन खरीदे जाते हैं। दरअसल धातु के बर्तन खराब नहीं होतेए पर लोग बोर हो जाते हैं। नया लाने और परंपरा निभाने के लिए तो बर्तन खरीदा ही जाता है। इस वक्त बाजार में शादी ब्याह का ग्राहक है, अब तो कैटरिंग, रेस्टोरेंट वाले भी बर्तनों की खरीद धनतेरस पर करते हैं |