एमएसएमई: भारत के विकास का अमूल्य संयोग

नई दिल्ली: भारत जैसे विकासशील देश में एमएसएमई सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। एमएसएमई न सिर्फ रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह देश के औद्योगिक विकास में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। एमएसएमई सेक्टर की विशेषता इसकी अनूठी लचीलापन और अनुकूलनशीलता है, जो इसे आर्थिक उतार-चढ़ावों के दौरान भी स्थिर रखती है।

विकास का पथ

एमएसएमई के उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए केंद्रीय सूक्ष्म, लघु व मध्यम उद्द्योगीता मंत्री श्री नारायण राणे ने इसके रास्ते आने वाली बाधाओं की पहचान की और उनके उपाय तलाशे व लागू किए। इसके फलस्वरूप आज देश मे एम एस एम ई उद्योग ने एक लंबी छलांग लगाई। 2006 से एमएसएमई के स्थापना से लेकर 2021 तक जो विकास हुआ, उससे ज्यादा 2021 से 2023 के दौरान  इस सेक्टर के प्रगति  पथ को प्रशस्त करने का काम श्री राणे का दूरदर्शी निर्णय किया है।

सरकारी सहायता के उदाहरण

एमएसएमई के अंतर्गत विशेष कर नए उद्यमी आवश्यक दस्तावेजों की कमी के कारण सरकारी योजनाओं और बैंकों से कर्ज की सुविधाएं लेने में अक्षम थे। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ऐसे ही उद्यमियों की सहायता के लिए शुरू की गई। इस योजना के तहत नए उद्यमियों के अपना व्यवसाय शुरू करने या वर्तमान उद्यमियों के व्यवसाय के विस्तार के लिए बिना किसी गारंटी वित्तीय सहायता दी जाती है।

वित्तीय सहायता और रोजगार सृजन

वित्तीय सुविधाओं का लाभ उठाने से वंचित उद्यमियों के लिए 11 जनवरी 2023 को ‘उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म’ लॉन्च किया गया। पहले ही साल इस प्लेटफॉर्म पर सवा करोड़ से अधिक असंगठित क्षेत्र के सूक्ष्म उद्योगों के रजिस्ट्रेशन हुए और उन्हें ऋण लेने में आसानी हुई।

विश्वकर्मा योजना: एक नई दिशा

रोजगार सृजन का एक और महत्वपूर्ण उपाय भी विश्वकर्मा योजना के माध्यम से किया गया है। इसके तहत सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमियों को सामाजिक सुरक्षा के तहत सहायता प्रदान की जाती है, जो उन्हें अपने कारोबार को स्थिर करने में मदद करती है।

सार

एमएसएमई सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए न केवल रोजगार सृजन का महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह देश के औद्योगिक विकास में भी अहम भूमिका निभाता है। सरकारी योजनाओं, वित्तीय सहायता और नई पहलों के माध्यम से इसे और भी मजबूती मिली है, जिससे इस सेक्टर का विकास और तेजी से हो रहा है।

महेश वर्मा,
पूर्व मीडिया प्रमुख,
भाजपा दिल्ली,
राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी,
भाजपा किसान मोर्चा,
संगठन महामंत्री,
सम्मिट इंडिया,
राष्ट्रीय सलाहकार,
राष्ट्रीयअनुसूचितजाति आयोग,
भारत सरकार।

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