उत्तर प्रदेश के छोटे विक्रेताओं ने विकास के लिएअमेज़न ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम की ओर रुख किया

Amazon Export Haat Lucknow
Amazon’s Global Selling Attracts UP Small Businesses

लखनऊ:लखनऊ में अमेज़न के एक्सपोर्ट हाट 2024 में 300 से अधिक महत्वाकांक्षी छोटे और मध्यम आकार के विक्रेताओं ने हिस्सा लिया। वो यहाँ यह जानने आए थे कि उनके उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाज़ारों तक कैसे पहुँचाया जा सकता है। भारत से 8 बिलियन डॉलर से ज्यादा संचयी ईकॉमर्स निर्यात संभव बनाने वाले कंपनी के ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम के अंतर्गत आयोजित यह एक दिवसीय एक्सक्लूसिव कार्यक्रम व्यवसायों और विक्रेताओं को विश्व में अपना विस्तार करने की शिक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित है। इस शहर में ईकॉमर्स द्वारा निर्यात के लिए इस तरह का केंद्रित कार्यक्रम पहली बार आयोजित किया गया है।

2015 में शुरुआत के बाद अमेज़न ग्लोबल सेलिंग पर 125,000 से ज़्यादा निर्यातक अपना पंजीकरण करा चुके हैं। यह कार्यक्रम भारतीय व्यवसायों को 200 से ज़्यादा देशों और क्षेत्रों से जोड़ता है, और हर आकार के व्यवसाय को विश्व में अपनी एक मजबूत पहचान स्थापित करने का अवसर प्रदान करके वैश्विक वाणिज्य को सभी तक पहुँचाता है। भारत की मज़बूत अर्थव्यवस्था, जो 2023-24[1] में 6%-6.8% की दर से बढ़ने का अनुमान है, के साथ यह पहल भारत सरकार के निर्यात लक्ष्यों के अनुरूप है,जिसमें 2030 तक $200-300 बिलियन[3] का ई-कॉमर्स निर्यात और $2 ट्रिलियन[2] का कुल निर्यात शामिल है।

इन अवसरों के बावजूद, एसएमई को क्रॉस-बॉर्डर ई-कॉमर्स की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जिनमें नियमों का अनुपालन और वैश्विक बाजारों तक पहुँचना शामिल है। इसी जरूरत को पूरा करने के लिए अमेज़न इंडिया ने ‘एक्सपोर्ट हाट 2024: द लखनऊ एडिशन’ का आयोजन किया ताकि उत्तर प्रदेश में ई-कॉमर्स उद्यमियों और महत्वाकांक्षी निर्यातकों को आवश्यक ज्ञान और कौशल मिल सके। इसमें औद्योगिक विशेषज्ञों और अमेज़न के विशेषज्ञों द्वारा 300 से अधिक महत्वाकांक्षी विक्रेताओं को शिक्षित किया गया और ई-कॉमर्स निर्यात अवसर के बारे में बहुमूल्य जानकारी एवं ऑन-स्पॉट पंजीकरण एवं अनुपालन की सहायता प्रदान की गई।

डिजी सॉल्यूशन की संस्थापक माधवी जैन ने कहा, अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों तक पहुंचने के इच्छुक व्यवसायों को अमेज़न के माध्यम से निर्यात करने के महत्वपूर्ण लाभ हैं। ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जटिलताताएँ आसान होती हैं, तथा अनुपालन और भुगतान संबंधी आवश्यकताओं का प्रभावी समाधान मिलता है। बी2सी निर्यात पर केंद्रित होकर अमेज़न विक्रेताओं को पूरे विश्व के ग्राहकों से जोड़ता है, ताकि उन्हें विकास के अद्वितीय अवसर मिलें। यह मॉडल अपनाकर हम पारंपरिक बाधाओं को दूर कर सकते हैं, और तेजी से अपनी पहुँच बढ़ा सकते हैं। इसलिए निर्यात के लिए हमें एक आदर्श शुरुआत मिलती है।”

अमेज़न ग्लोबल सेलिंग प्रोग्राम से क्रॉस-बॉर्डर व्यापार के लिए उपकरण और समाधान प्राप्त होते हैं, निर्यात के लिए पंजीकरण, उत्पाद, टैक्स और शिपिंग के डॉक्युमेंटेशन तथा निर्यात अनुपालन डैशबोर्ड द्वारा भुगतान समाधान पर एंड-टू-एंड मार्गदर्शन मिलता है। विक्रेता मर्चेंट फ़ुलफ़िल्ड नेटवर्क (एमएफएन) या फ़ुलफ़िलमेंट बाय अमेज़न (एफबीए) से लॉजिस्टिक्स की मदद ले सकते हैं, और अमेज़न के वैश्विक फ़ुलफ़िलमेंट केंद्रों एवं ग्राहक सेवा प्रबंधन का लाभ ले सकते हैं।

इसके अलावा, अमेज़न पर विक्रेताओं को तीसरे पक्ष के सेवा प्रदाताओं की मदद भी मिलती है, जो पंजीकरण, प्रबंधन और वैश्विक विस्तार में सहायता करते हैं, ताकि वो बाजार में आसानी से प्रवेश कर पाएं। अमेज़न के मार्केटिंग टूल्स से ब्रांड की विजिबिलिटी बढ़ती है, एमएसएमई अपने बाज़ारों में विविधता लाने और स्थानीय बिक्री चैनलों पर निर्भरता कम करने में समर्थ बनते हैं। इस पहल से काफी व्यावसायिक वृद्धि हुई है, और 2022 में 1200 से अधिक भारतीय निर्यातकों ने 120,000 डॉलर (1 करोड़ रुपये) से अधिक बिक्री दर्ज की है।

योट्राइब की सीईओ एवं डायरेक्टर, अंकिता किशोर ने कहा,अमेज़न एक्सपोर्ट हाट 2024 में काफी जानकारी मिली। हम अपने ऑपरेशंस का विस्तार करने और नए बाजारों तक पहुँच बढ़ाने की चुनौतियों को जीतना चाहते हैं। अमेज़न के संसाधन,खासकर उनका लॉजिस्टिक्स और वैश्विक पहुँच, हमें सस्टेनेबल विकास में मदद करने के लिए बिलकुल सही समाधान हैं। इस कार्यक्रम में हमें यह समझने का अवसर मिला कि हम पूरे विश्व के ग्राहकों के बीच पहुँचकर अपने व्यवसाय का विस्तार कैसे कर सकते हैं।”

एवी ग्रुप्स के विभु दीक्षित ने कहा,“कोविड के बाद व्यावसाय के बदले तरीकों से हमें अपनी प्रोडक्ट लाइन में विविधता लाने और बी2सी बाज़ारों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित किया है। अमेज़न की विस्तृत पहुँच और सुव्यवस्थित प्लेटफ़ॉर्म के साथ यह इस परिवर्तन के लिए एक शानदार विकल्प है। इस कार्यक्रम में हिस्सा लेकर हमें काफी चीज़ें स्पष्ट हो गयीं और मौके पर ही पंजीकरण कराने का अवसर मिला। अपने व्यावसायिक मॉडल को पारंपरिक से आधुनिक बनाने की दिशा में अमेज़न का सहयोग और मार्गदर्शन बहुमूल्य है।”

जहाँ सरकार निर्यात प्रक्रिया को स्ट्रीमलाइन करने के लिए काम कर रही है, वहीं अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म भारतीय एमएसएमई और स्टार्टअप को पूरे विश्व में अपनी पहुँच बढ़ाने में समर्थ बना रहे हैं। सरकारी पहलों, ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा निर्मित अवसरों और विश्व में ‘मेड इन इंडिया’ उत्पादों की बढ़ती मांग के बीच तालमेल से 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का सपना साकार हो सकेगा, जिससे भारत के एमएसएमई और छोटे उद्यमियों की अपार क्षमता प्रदर्शित होती है।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *