उत्तर प्रदेश के किसानों को मिली बायोफ्यूलसर्किल की सौगात: पराली जलाने से मुक्ति

a row of farm equipment parked in a field

बाराबंकी में बायोमास बैंक ने दी नई राह

उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में पराली जलाने की समस्या से निपटने के लिए बायोफ्यूलसर्किल ने एक क्रांतिकारी पहल की है। कंपनी ने बाराबंकी में अपने बायोमास बैंक में 40 से अधिक आधुनिक कृषि उपकरण लगाए हैं। इन उपकरणों से किसानों को अपनी खेतों में पैदा होने वाली पराली को आसानी से और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से निपटाने में मदद मिलेगी।

ग्रामीण इलाकों में नई रोजगार के अवसर

बायोफ्यूलसर्किल का बायोमास बैंक मॉडल एक ऐसा मंच है जहां किसान सक्रिय रूप से योगदान दे सकते हैं। किसान अपने ट्रैक्टर किराए पर देकर, उपकरण चलाकर या गोदाम में काम करके अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। इससे न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

बायोफ्यूलसर्किल की इस पहल के प्रमुख लाभ:

  • पराली जलाने से रोकथाम: खेतों से पराली को कुशलतापूर्वक हटाने से पराली जलाने जैसी हानिकारक प्रथा को रोका जा सकेगा, जिससे प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन पर अंकुश लगेगा।
  • आर्थिक अवसर: किसान ट्रैक्टर किराए पर देकर, उपकरण चलाकर और बायोमास बैंक में काम करके कई तरह से आय अर्जित कर सकते हैं।
  • टिकाऊ बायोमास आपूर्ति: बायोमास बैंक में एकत्रित की गई पराली को कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्रों के लिए ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

डिजिटल प्लेटफॉर्म से कुशल प्रबंधन

बायोफ्यूलसर्किल का डिजिटल प्लेटफॉर्म पूरे प्रक्रिया को सुव्यवस्थित बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस प्लेटफॉर्म के माध्यम से पराली के संग्रह, परिवहन और भंडारण को कुशलतापूर्वक प्रबंधित किया जाता है।

बायोफ्यूलसर्किल के उपाध्यक्ष मनीष कपूर ने कहा, “आधुनिक कृषि उपकरणों को लगाकर हम न केवल पराली को जलाने से बचा रहे हैं बल्कि किसानों के लिए नए रोजगार के अवसर भी पैदा कर रहे हैं। यह भारत में अपनी तरह की पहली परियोजना है।”

एक साथ मिलकर बनाएंगे हरा-भरा भविष्य

बायोफ्यूलसर्किल ने कृषि उपकरणों के वैश्विक आपूर्तिकर्ता मास्चियो गैसपार्डो के साथ साझेदारी की है। इस साझेदारी से बायोमास बैंक को आवश्यक मशीनरी मिल रही है। दोनों कंपनियां मिलकर उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक हरा-भरा और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए काम कर रही हैं।

बायोफ्यूलसर्किल भारत के अन्य राज्यों में भी अपने इस मॉडल का विस्तार कर रहा है। कंपनी का मानना है कि इस पहल से देश के कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

बायोफ्यूलसर्किल का बायोमास बैंक उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए एक उम्मीद की किरण है। इस पहल से न केवल पर्यावरण को बचाया जा रहा है बल्कि किसानों को भी आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। यह एक ऐसा मॉडल है जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है।

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2 thoughts on “उत्तर प्रदेश के किसानों को मिली बायोफ्यूलसर्किल की सौगात: पराली जलाने से मुक्ति

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