महाकुंभ मेले में अमृता मेडिकल टीम ने 1.5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों को उपलब्ध कराई समग्र स्वास्थ्य सेवाएं

प्रयागराज, भारत – जैसे-जैसे प्रयागराज में महाकुंभ मेला अपने अंतिम चरण में प्रवेश कर रहा है, अमृता मेडिकल टीम ने अब तक 1.5 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को निःशुल्क और व्यापक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर उनकी सेवा की प्रतिबद्धता को और मजबूत किया है। दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक और धार्मिक आयोजनों में से एक में गुणवत्तापूर्ण और सुलभ स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करना हमारा प्रमुख लक्ष्य रहा है।
महाकुंभ मेला 45 दिनों तक चला, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदी के संगम में आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे। इस आयोजन में करीब 60 करोड़ लोगों के आने की संभावना को देखते हुए स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता अत्यंत आवश्यक थी। श्रद्धालुओं की विशाल संख्या के कारण संक्रामक रोग, श्वसन संबंधी समस्याएं और पुरानी बीमारियों से जुड़ी आपात स्थितियों का खतरा बढ़ गया था, जिससे कुंभ मेले में मेडिकल सेवाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो गई।
अमृता मेडिकल टीम ने 15 डॉक्टरों, 15 नर्सों, 10 पैरा-मेडिकल स्टाफ और कई अन्य सहयोगी कर्मियों व स्वयंसेवकों के साथ 24×7 सेवा प्रदान की। इस दौरान एक अस्थायी अस्पताल स्थापित किया गया, जिसमें 10 बिस्तर, एक अत्याधुनिक टेलीमेडिसिन वाहन, एक एंबुलेंस और निःशुल्क मैमोग्राफी जांच की सुविधा वाला एक स्तन कैंसर जागरूकता बस शामिल था। इसके अलावा, जलजनित बीमारियों, छोटे-मोटे घावों के उपचार और पुरानी बीमारियों के प्रबंधन के लिए भी व्यापक स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं। जरूरतमंदों को ₹50 लाख (लगभग $60,000) मूल्य की निःशुल्क दवाइयां वितरित की गईं।
महाकुंभ मेले में कैंसर जांच की विशेष पहल
महिलाओं में कैंसर के प्रति जागरूकता बढ़ाने और प्रारंभिक अवस्था में रोग की पहचान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से इस बार निःशुल्क कैंसर जांच को महाकुंभ मेले में शामिल किया गया। इस पहल के अंतर्गत एक विशेष स्तन कैंसर जागरूकता बस तैनात की गई, जिसमें मैमोग्राफी मशीनें उपलब्ध थीं। इस सुविधा ने विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाली महिलाओं को प्रारंभिक जांच की सुविधा प्रदान की, जिससे वे समय रहते उचित इलाज करा सकें। ऐसे कार्यक्रम न केवल कैंसर से जुड़े मिथकों को तोड़ते हैं बल्कि समय पर निदान और उपचार को भी बढ़ावा देते हैं।
अमृता अस्पताल, फरीदाबाद के प्रशासनिक निदेशक स्वामी निजामृतानंद पुरी ने इस पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा,“अम्मा के निर्देशानुसार हमने कुंभ मेले में मेडिकल टीम भेजकर यह सुनिश्चित किया है कि हर व्यक्ति, चाहे उसकी सामाजिक पृष्ठभूमि जो भी हो, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बना सके। यह पहल विभिन्न संस्कृतियों के बीच प्रेम और सेवा को मजबूत करने का संदेश देती है।“
वरिष्ठ संन्यासी ब्रह्मचारी मोक्षामृत चैतन्य ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, “हम जानते हैं कि कैंसर भारत में एक प्रमुख स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है, जो सभी आयु वर्गों और समुदायों के लाखों लोगों को प्रभावित करती है। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं है—बल्कि हमारे परिवारों, दोस्तों और प्रियजनों के जीवन को गहराई से प्रभावित करता है। समय पर जांच, जागरूकता बढ़ाने और नि:शुल्क स्क्रीनिंग उपलब्ध कराने से हम इस गंभीर बीमारी के प्रभाव को कम करने और जीवन बचाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा सकते हैं।”
उन्होंने आगे कहा,“अम्मा कहती हैं कि सृजनकर्ता स्वयं सृजन का ही एक रूप हैं। जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तो हम ईश्वर की ही सेवा कर रहे होते हैं। यह पहल अम्मा के नि:स्वार्थ सेवा और करुणा के दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य उन लोगों तक चिकित्सा सुविधाएं पहुँचाना है जो सामान्यतः इनसे वंचित रहते हैं। स्तन कैंसर स्क्रीनिंग वैन केवल शुरुआती जांच के लिए नहीं, बल्कि इस गंभीर बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने का भी एक माध्यम है।“
प्रमुख स्वास्थ्य सेवाएँ और उनके प्रभाव
प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ
✔ मधुमेह जांच: 1000 से अधिक तीर्थयात्रियों का रक्त शर्करा स्तर परीक्षण किया गया।
✔ चोट–घाव उपचार: 50,000 से अधिक लोगों को कटने-फटने और मामूली चोटों का उपचार दिया गया।
✔ इंजेक्शन प्रशासन: 500 से अधिक मरीजों को आवश्यक संक्रमण व पुरानी बीमारियों के लिए इंजेक्शन दिए गए।
✔ श्वसन देखभाल: 250 मरीजों को अस्थमा और अन्य श्वसन संबंधी रोगों के लिए नेबुलाइज़ेशन उपचार दिया गया।
✔ एक्स-रे, ईसीजी, प्लास्टर आदि: हमारी टेली-मेडिसिन वैन के माध्यम से 1000 मरीजों को लाभ मिला।
विशेषीकृत निदान और जांच सुविधाएँ
✔ स्तन कैंसर स्क्रीनिंग: 30 महिलाओं ने मैमोग्राफी जांच का लाभ उठाया।
✔ प्रयोगशाला परीक्षण: 456 तीर्थयात्रियों को आई-लैब वैन के माध्यम से आवश्यक पैथोलॉजी सेवाएँ प्रदान की गईं।
✔ सामान्य स्वास्थ्य जांच: 100,000 से अधिक श्रद्धालुओं, विशेष रूप से बुजुर्गों, ने परामर्श व निवारक चिकित्सा सेवाएँ प्राप्त कीं।
सेवा के साथ आध्यात्मिकता का समन्वय
मेडिकल सेवाओं के साथ, आश्रम के संन्यासियों और ब्रह्मचारियों ने मेडिकल केंद्र के पास एक पवित्र स्थल का भी अभिषेक किया, जहाँ लगातार वैदिक मंत्रोच्चार और पारंपरिक अनुष्ठान संपन्न किए गए। श्रद्धालुओं ने इसमें सक्रिय रूप से भाग लिया और विश्व शांति के लिए प्रार्थनाएँ कीं। आध्यात्मिक प्रवचनों, भजन-संकीर्तन और ध्यान सत्रों के माध्यम से तीर्थयात्रियों को दिव्यता और आध्यात्मिक शांति का अनुभव हुआ।
इसके अतिरिक्त, आश्रम ने अन्नदान (निःशुल्क भोजन सेवा) की भी व्यवस्था की, जिससे यह सुनिश्चित किया गया कि कोई भी श्रद्धालु अपने आध्यात्मिक सफर के दौरान भूखा न रहे। पवित्र अग्निहोत्र (यज्ञ) और हवन अनुष्ठानों के माध्यम से पर्यावरण की शुद्धि और सार्वभौमिक कल्याण का संकल्प लिया गया। इस संपूर्ण पहल ने यह सिद्ध किया कि सेवा केवल शारीरिक उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति का भी माध्यम बन सकती है।
महाकुंभ मेला केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि सेवा और मानवता की सच्ची भावना का परिचायक भी है। इस महायोजना में अमृता मेडिकल टीम द्वारा दी गई स्वास्थ्य सेवाएँ केवल चिकित्सा उपचार तक सीमित नहीं थीं, बल्कि यह अम्मा की करुणा और निःस्वार्थ सेवा की भावना को जीवंत करने का एक प्रयास भी थीं।
जैसे-जैसे महाकुंभ अपने समापन की ओर बढ़ रहा है, अमृता मेडिकल टीम अपनी सेवा यात्रा को जारी रखते हुए जरूरतमंदों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध बनी हुई है। अम्मा के संदेश – “निःस्वार्थ सेवा ही सच्ची आध्यात्मिकता है“ को साकार करते हुए, यह पहल मानवता के प्रति प्रेम और समर्पण का जीवंत उदाहरण बनी है।