भारत की ₹10,900 करोड़ की पीएम ई-ड्राइव योजना: बीएचईएल इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म विकसित करेगा

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए डिजिटल समाधान: BHEL द्वारा विकसित सुपर ऐप और PM ई-ड्राइव योजना

भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) के उपयोग में तेजी से वृद्धि हो रही है, और इसके साथ ही चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता भी बढ़ रही है। इस दिशा में, भारत सरकार ने एक महत्वाकांक्षी पहल की है, जिसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोगकर्ताओं के लिए एक एकीकृत डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित किया जा रहा है। इस प्लेटफ़ॉर्म का विकास भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) द्वारा किया जा रहा है, जो भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्यरत है।


BHEL द्वारा विकसित डिजिटल सुपर ऐप

BHEL द्वारा विकसित यह डिजिटल सुपर ऐप इलेक्ट्रिक वाहन उपयोगकर्ताओं के लिए एक सिंगल प्लेटफ़ॉर्म के रूप में कार्य करेगा। इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता निम्नलिखित सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे:

  • रियल-टाइम चार्जिंग स्लॉट बुकिंग: उपयोगकर्ता अपने निकटतम चार्जिंग स्टेशन के लिए स्लॉट बुक कर सकेंगे, जिससे उन्हें चार्जिंग के लिए लंबी प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी।
  • भुगतान इंटीग्रेशन: ऐप में भुगतान की सुविधा भी उपलब्ध होगी, जिससे उपयोगकर्ता सीधे ऐप के माध्यम से चार्जिंग शुल्क का भुगतान कर सकेंगे।
  • चार्जर की उपलब्धता की जानकारी: ऐप उपयोगकर्ताओं को यह जानकारी प्रदान करेगा कि कौन से चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध हैं और उनकी स्थिति क्या है।
  • PM ई-ड्राइव योजना की ट्रैकिंग: इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ता PM ई-ड्राइव योजना के तहत चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की प्रगति की निगरानी कर सकेंगे।

PM ई-ड्राइव योजना: एक विस्तृत दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री इलेक्ट्रिक ड्राइव योजना (PM E-DRIVE) का उद्देश्य भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, सरकार ने ₹10,900 करोड़ का बजट निर्धारित किया है, जो कि 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगा। इस योजना के प्रमुख घटक निम्नलिखित हैं:

  • चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास: योजना के तहत 72,300 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे, जिनमें से 48,400 दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए, 22,100 चारपहिया वाहनों के लिए, और 1,800 बसों के लिए होंगे।
  • वाहन श्रेणियों के लिए प्रोत्साहन: योजना के तहत विभिन्न इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा, जिनमें 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया वाहन, और 14,028 इलेक्ट्रिक बसें शामिल हैं।
  • ई-व्हाउचर प्रणाली: इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद के समय उपयोगकर्ताओं को आधार आधारित ई-व्हाउचर प्रदान किया जाएगा, जिसे वे डीलर के माध्यम से प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए प्रस्तुत कर सकेंगे।
  • इलेक्ट्रिक बसों की खरीद: राज्य परिवहन उपक्रमों के लिए 14,028 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए ₹4,391 करोड़ का आवंटन किया गया है।
  • इलेक्ट्रिक ट्रकों और एम्बुलेंसों के लिए प्रोत्साहन: इलेक्ट्रिक ट्रकों और एम्बुलेंसों की खरीद के लिए क्रमशः ₹500 करोड़ का आवंटन किया गया है।

BHEL की भूमिका और भविष्य की दिशा

BHEL की भूमिका इस योजना में नोडल एजेंसी के रूप में है, जो डिजिटल सुपर ऐप के विकास और कार्यान्वयन की जिम्मेदारी निभा रही है। इस ऐप के माध्यम से, उपयोगकर्ता न केवल चार्जिंग स्टेशन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे, बल्कि वे चार्जिंग स्लॉट की बुकिंग, भुगतान, और चार्जर की उपलब्धता की स्थिति भी जान सकेंगे।

भविष्य में, इस ऐप को और भी उन्नत बनाया जाएगा, जिसमें AI और IoT जैसी तकनीकों का उपयोग करके चार्जिंग अनुभव को और बेहतर बनाया जाएगा। इसके अलावा, इस ऐप के माध्यम से उपयोगकर्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद, लोन की जानकारी, और अन्य संबंधित सेवाओं की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।


निष्कर्ष

भारत सरकार की यह पहल इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग को बढ़ावा देने और पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। BHEL द्वारा विकसित डिजिटल सुपर ऐप और PM ई-ड्राइव योजना मिलकर भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के भविष्य को आकार देने में सहायक होंगे। उपयोगकर्ताओं को इन सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन करना होगा, और वे इस डिजिटल परिवर्तन का हिस्सा बन सकते हैं।

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