नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की श्रंखला ‘पैगाम’ 23 का आगाज …

लखनऊ : वी यंगस्टर्स फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की शृंखला पैगाम 23 के प्रथम चरण का आगाज किया गया जिसके तहत लखनऊ शहर के विभिन्न विश्वविद्यालय, डिग्री कालेजों के बच्चों ने रिश्तों की आजादी से जुड़े मुद्दों को उठाया और बेहतरीन नुक्कड़ की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम गोमती नगर स्थित शिरोज हैंगआउट में आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरूआत करते हुए एलपीसीपीएस अपनी प्रस्तुती के शीर्षक प्रतिबिंब से रिश्तों का संविधान नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया। इसके बाद आईटी गर्ल्स कॉलेज की छात्राओं द्वारा उद्घोष शीर्षक के तहत मानव और प्रकृति के बीच के रिश्ते को बेहतरीन तरह से नुक्कड़ नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया।

इंस्टिट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी आईईटी जोश के नुक्कड़ नाटक जिनका शीर्षक बी प्रैक्टिकल था ने सभी लोगों की बहुत वाह वाही लूटी, जजेस द्वारा भी उनकी खासी प्रशंसा की गई। इसके बाद लखनऊ विश्वविद्यालय के बच्चों ने बदलते रिश्तों के मुद्दे पर प्रस्तुति दी और सिटी लॉ कालेज के छात्रों द्वारा मौका युवाओं को पर नुक्कड़ प्रस्तुत किया गया। प्रीदृराउंड से 10 कॉलेज सेमी फाइनल राउंड के लिए चयनित किये जायेंगे जो कि 16 अक्टूबर से 20 अक्टूबर के बीच लखनऊ के विभिन्न विद्यालयों में प्रस्तुति देंगें। दुसरे चरण से चयनित होकर फाइनल राउंड में सिर्फ तीन कॉलेज 21 अक्टूबर को लोहिया पार्क के रंगमच पर प्रस्तुति देंगें।

फाइनल दिन उच्च न्यायालय के न्यायाधीश, वरिष्ठ अधिवक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, थिएटर से जुड़े सभी वरिष्ठ कलाकार, फिल्म जगत से कलाकार, साहित्य जगत के लोग समेत लगभग 800 लोग मौजूद रहेंगे। फाइनल दिन नेत्रहीन बच्चों द्वारा भी नुक्कड़ नाटक की प्रस्तुति दी जाएगी।
कार्यक्रम की जानकारी देते हुए संस्था निदेशक देश दीपक सिंह ने बताया कि प्रथम चरण के लिए निर्णायक की भूमिका में अधिवक्ता मंदीप कुमार मिश्र, दूरदर्शन के निमार्ता मयंक श्रीवास्तव, रंगकर्मी और स्क्रिप्ट राइटर अपूर्वा शाह और समाजसेविका शिवानी श्रीवास्तव रहे। नुक्कड़ नाटक को प्रतियोगिता के रूप में समाज के बीच में ले जाने की वजह सिर्फ यही है की इससे बेहतर समाज के बीच में जागरूकता लाने का माध्यम नहीं हो सकता लेकिन वर्तमान समय में नुक्कड़ नाटक महज कुछ सरकारी योजनाओं के प्रचार का माध्यम मात्र रह गया है। इसे विलुप्त होने से बचाने और समाज के प्रति युवा पीढ़ी को संवेदनशील बनाने का प्रयास है। इस वर्ष रिश्तों की आजादी शीर्षक के माध्यम से रिश्तों के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता की आवश्यकता को बताने का प्रयास किया जा रहा है, साथ ही, मी टाइम और पर्सनल स्पेस के नाम पर जिस तरह से हम अपनों को समय नहीं दे रहे और हर शख़्स अकेलेपन और डिप्रेशन का शिकार होता जा रहा है, इसके प्रति समाज का ध्यान केन्द्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

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3 thoughts on “नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता की श्रंखला ‘पैगाम’ 23 का आगाज …

  • November 10, 2024 at 10:23 am
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  • November 14, 2024 at 11:19 am
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