कमाल खान ने जगजीत सिंह की गजलें सुनाकर श्रोताओं को किया मंत्रमुग्ध…

लखनऊ : अवध की शाम जगजीत सिंह की गजलों से एक बार फिर मंत्रमुग्ध हो गयी। मौका था गजल सम्राट पद्म भूषण जगजीत सिंह को श्रद्धांजलि दने का। संगीत नाटक अकादमी के संत गाडगे प्रेक्षाग्रह में उत्तर प्रदेश आर्टिस्ट अकादमी के तत्वाधान में गजल सम्राट पद्म भूषण जगजीत सिंह जी को श्रद्धांजलि प्रस्तुत करते हुए प्रसिद्ध गायक कमाल खान ने हजारों श्रोताओं के सामने गजलें प्रस्तुत कर समां बांध दिया। गजल संध्या की शुरूआत कमाल खान ने जगजीत सिंह की मशहूर गजल हजारों ख्वाहिश ऐसी…सुनाया तो हर कोई मंत्रमुग्ध हो गया। इस खूबसूरत प्रस्तुति के बाद तुम यह कैसे जुदा हो गए…, चिट्ठी ना कोई संदेश, जाने वो कौन सा देश…, आपको देख कर देखता रह गया…,शायद आ जाएगा साकी को तरस…जैसी गजलें सुनाकर गायक कमाल खान ने अपनी मीठी और मखमली आवाज के जरिए सभी श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया। गायक कमाल खान के साथ तबले पर राजीव थापा, कीबोर्ड पर संजय श्रीवास्तव, गिटार पर राकेश आर्य, क्वेश्चन पर मोहन, पैड पर अनुराग श्रीवास्तव ने संगत दी।

इससे पूर्व कार्यक्रम का उद्घाटन सैयद रिजवान ने किया। रिजवान ने कहा कि इस प्रकार के संगीत में कार्यक्रम प्रदेश की संस्कृति व सभ्यता को बढ़ावा देते हैं। दीप प्रज्वलन में सैयर रिजवान, हेमंत राय, मुरलीधर आहूजा, रजिया नवाज, प्रमिला मिश्रा, निगत खान, संजय सिंह आदि उपस्थित थे। इस अवसर पर हेमंत राय ने कहा कि हमारी संस्था इस प्रकार के कार्यक्रम में निरंतर सहयोग कर युवाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। गायक कमाल खान ने बताया कि जगजीत सिंह जी आज हमारे बीच नहीं है लेकिन वह अपनी आवाज के माध्यम से पूरी दुनिया में उपस्थित हैं। कार्यक्रम के आयोजक वामिक खान ने बताया कि हमारी संस्था निरंतर कला एवं संगीत के माध्यम से प्रदेश की संस्कृति एवं सभ्यता को तथा यहां के कलाकारों को प्रोत्साहित करती रहती है।

Share This Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *