आत्मनिर्भर भारत उत्सव: भारत की हस्तकरघा और हस्तशिल्प विरासत का उत्सव

तिरुवनंतपुरम: भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत उत्सव का आयोजन 8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2024 तक आरडीआर कन्वेंशन सेंटर, पेट्रोल पंप के सामने, कोचर रोड, एदप्पाझिन्जी, ताइकाड पीओ, तिरुवनंतपुरम, केरल में किया जा रहा है। यह उत्सव हर दिन सुबह 11 बजे से शाम 8 बजे तक जनता के लिए खुला रहेगा।

इस कार्यक्रम का महत्व

स्वावलंबन का उत्सव

आत्मनिर्भर भारत उत्सव का उद्देश्य भारत में स्वावलंबन की भावना को बढ़ावा देना है। यह उत्सव पारंपरिक कारीगरों और बुनकरों को संपूर्ण समर्थन प्रदान करने का एक मंच है। इसमें शामिल होकर, हम अपने हस्तकरघा क्षेत्र को प्रोत्साहित कर सकते हैं, जो हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।

महिलाओं और समुदायों को सशक्त बनाना

हस्तकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र में 35 लाख से अधिक लोग कार्यरत हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएँ शामिल हैं। इस उत्सव के माध्यम से, हम महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके लिए रोजगार के नए अवसरों को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहे हैं। यह आयोजन ग्रामीण समुदायों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने का भी एक साधन है।

उत्पादों की विविधता

भारत की हस्तकरघा कलाओं का प्रदर्शन

इस उत्सव में विभिन्न प्रकार के हस्तकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद प्रदर्शित किए जाएंगे। कुछ प्रमुख उत्पादों में शामिल हैं:

  • पैंठनी साड़ी
  • पोचमपल्ली साड़ी
  • कांचीपुरम साड़ी
  • जमदानी साड़ी
  • चंदेरी साड़ी
  • पटोला साड़ी
  • बनारसी ब्रोकेड
  • तंचोई
  • भागलपुरी सिल्क साड़ी
  • पश्मीना शॉल
  • कांथा साड़ी
  • चिकनकारी साड़ी
  • हैंड ब्लॉक साड़ी
  • कलमकारी प्रिंटेड साड़ी
  • अज्रक
  • कांथा
  • हस्तनिर्मित जूट बैग

प्रत्येक उत्पाद अपनी अद्वितीय कला, बुनाई और पारंपरिक रूपांकनों के साथ देश की विविधता को प्रदर्शित करता है।

विभिन्न राज्यों से भागीदारी

आत्मनिर्भर भारत उत्सव में विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि भाग लेंगे, जो अपने-अपने राज्यों की हस्तकरघा और हस्तशिल्प परंपराओं को प्रदर्शित करेंगे। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी होगी, जिसमें विभिन्न राज्य सरकारों के निकाय, शीर्ष समितियाँ, और प्राथमिक हस्तकरघा बुनकर सहकारी समितियाँ शामिल हैं।

सरकारी योजनाएँ और पहल

गुणवत्ता और स्थिरता को बढ़ावा

भारत सरकार ने हस्तकरघा उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएँ शुरू की हैं। इन पहलों का उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले ब्रांडों को प्रोत्साहित करना है, जो पर्यावरण पर शून्य प्रभाव डालते हैं। ये योजनाएँ न केवल उत्पाद की विशिष्टता को उजागर करती हैं, बल्कि सुनिश्चित करती हैं कि खरीदार को वास्तव में हस्तनिर्मित उत्पाद ही मिल रहा है।

विश्वसनीयता की गारंटी

हस्तकरघा उत्पादों की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए, सरकार ने ऐसे उपाय किए हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि खरीदार को जो उत्पाद मिल रहा है, वह वास्तविक रूप से हस्तनिर्मित है। इस पहल से न केवल उपभोक्ता विश्वास बढ़ता है, बल्कि कारीगरों को अपने काम में उच्च मानक बनाए रखने के लिए प्रेरित भी किया जाता है।

आत्मनिर्भर भारत उत्सव भारतीय हस्तकरघा और हस्तशिल्प विरासत का एक महत्वपूर्ण आयोजन है। यह न केवल कारीगरों और बुनकरों को एक मंच प्रदान करता है, बल्कि हमारे सांस्कृतिक धरोहर को भी उजागर करता है। इस प्रदर्शनी में शामिल होकर, आप भारत की विविधता को महसूस कर सकते हैं और अद्वितीय हस्तनिर्मित उत्पादों को खरीद सकते हैं जो इस देश की संस्कृति का प्रतीक हैं।

आरडीआर कन्वेंशन सेंटर में 8 अक्टूबर से 15 अक्टूबर 2024 तक इस जीवंत उत्सव का हिस्सा बनें और हमारे स्थानीय कारीगरों को समर्थन दें। इस अवसर को न चूकें और भारत की सांस्कृतिक विरासत के एक अंश को अपने साथ ले जाने का मौका पाएं।

Follow for more information.

Share This Post

One thought on “आत्मनिर्भर भारत उत्सव: भारत की हस्तकरघा और हस्तशिल्प विरासत का उत्सव

  • November 10, 2024 at 11:23 am
    Permalink

    There are actually a whole lot of particulars like that to take into consideration. That could be a nice point to deliver up. I provide the ideas above as normal inspiration however clearly there are questions like the one you deliver up the place crucial factor will probably be working in trustworthy good faith. I don?t know if best practices have emerged round things like that, however I am certain that your job is clearly identified as a fair game. Each boys and girls really feel the affect of just a second’s pleasure, for the remainder of their lives.

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *