आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य, पोषण और डिजिटल सुरक्षा पर प्रशिक्षण

दिल्ली:  एसटीआई हब मिज़ोरम द्वारा आइजोल ग्रामीण ब्लॉक की 83 आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण एवं जागरूकता शिविर का आयोजन सीनॉड कॉन्फ्रेंस सेंटर में सफलतापूर्वक किया गया। इस पहल का उद्देश्य आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को स्वास्थ्य, पोषण, डिजिटल सुरक्षा और आयुर्वेद-आधारित जीवनशैली से जुड़े विषयों में दक्ष बनाना था, ताकि वे अपने समुदायों की बेहतर सेवा कर सकें।

इस अवसर पर मिज़ोरम के राज्य ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. लालनिलावमा मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि महिला एवं बाल विकास निदेशालय, मिज़ोरम की निदेशक श्रीमती ज़ोरमथांगी च्हांगते ने विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अपने संबोधन में दोनों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की बाल एवं मातृ स्वास्थ्य में अहम भूमिका को रेखांकित करते हुए ‘विकसित भारत’ की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की परिकल्पना में उनकी निरंतर सीखने की आवश्यकता पर बल दिया।

केरल स्थित अमृता विश्व विद्यापीठम् से एसटीआई हब परियोजना के प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर डॉ. रघु रामन ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और इस परियोजना की दूरदृष्टि के साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की महत्ता को रेखांकित किया।

प्रशिक्षण के प्रमुख बिंदु:

स्वास्थ्यकर पोषण एवं स्वच्छता – मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सुधार के लिए संतुलित आहार संबंधी जानकारी।

स्थानीय पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य सामग्री – क्षेत्रीय स्रोतों के उपयोग से कुपोषण से निपटना।

एनीमिया की रोकथाम – गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं में एनीमिया की पहचान और समाधान।

बच्चों की डिजिटल सुरक्षा – बच्चों को डिजिटल युग में सुरक्षित रखने हेतु कार्यकर्ताओं को जागरूक करना।

आयुर्वेदिक जीवनशैली – समग्र स्वास्थ्य के लिए पारंपरिक आयुर्वेदिक सिद्धांतों की जानकारी।

कार्यक्रम की एक विशेष आकर्षण प्रस्तुति थी – स्थानीय रूप से उपलब्ध सामग्री से तैयार पोषणयुक्त खाद्य उत्पादों का प्रदर्शन। प्रतिभागियों को मोरिंगा-गुड़ कुकीज़, अदरक-पेरीला बाइट्स, और सोया न्यूट्रीबॉल्स का स्वाद चखने को मिला, जिन्हें उनके स्वास्थ्य लाभों और स्वाद के लिए खूब सराहा गया। एसटीआई हब का लक्ष्य युवाओं और स्वयं सहायता समूहों को इन उत्पादों के निर्माण में प्रशिक्षित कर स्थानीय आजीविका को सशक्त बनाना है।

इस कार्यक्रम को स्थानीय प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी व्यापक कवरेज मिली, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि मिज़ोरम में फ्रंटलाइन वर्कर्स को सशक्त बनाने की दिशा में तेजी से कार्य हो रहा है।

यह प्रशिक्षण महिला एवं बाल विकास निदेशालय, मिज़ोरम के सहयोग से आयोजित किया गया था और यह एसटीआई-आईटीलाइव्स परियोजना के अंतर्गत हुआ – जो अमृता विश्व विद्यापीठम् और मिज़ोरम विश्वविद्यालय की एक संयुक्त पहल है। इस परियोजना को भारत सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा वित्तपोषित किया गया है।

यह आयोजन मिज़ोरम में सामुदायिक स्वास्थ्य को सुदृढ़ करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में सामने आया है।

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