इनडीड रिपोर्ट: त्योहारों के दौरान टियर 2 और 3 शहरों में मौसमी भर्ती में बड़ा उछाल, मेट्रो शहरों को भी पीछे छोड़ा
मुख्य बिंदु
नई दिल्ली: जैसे-जैसे भारत में त्योहारों का मौसम करीब आ रहा है, व्यवसायों में भी गतिविधियों की तेजी देखी जा रही है। ख़ासकर मौसमी नौकरियों में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है। ग्लोबल हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, इस साल मौसमी भर्तियों में 20% की वृद्धि का अनुमान है। इस वृद्धि का नेतृत्व मेट्रो शहरों के बजाय टियर 2 और टियर 3 शहर कर रहे हैं, जिनमें नागपुर, जयपुर, वडोदरा, कोच्चि, इंदौर और भोपाल जैसे शहर प्रमुख हैं।
टियर 2 और 3 शहरों का उभरता परिदृश्य
इनडीड की रिपोर्ट में यह स्पष्ट है कि मेट्रो शहरों जैसे मुंबई, बैंगलुरू, दिल्ली, कोलकाता में भर्तियों में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। लेकिन जिस तेज़ी से टियर 2 और टियर 3 शहरों में वृद्धि हो रही है, वह काफ़ी उल्लेखनीय है। यहाँ भर्तियों में 22 से 25 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। यह वृद्धि कई कारणों से हो रही है, जिनमें प्रमुख हैं—डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विस्तार, ई-कॉमर्स का बढ़ता प्रभाव, और ग्राहकों की आय में सुधार।
टियर 2 और 3 शहरों में इंटरनेट के व्यापक प्रसार और डिजिटल तकनीक को अपनाने के चलते कंपनियाँ इन शहरों में अपनी पकड़ मज़बूत कर रही हैं। इसके साथ ही इन क्षेत्रों में ग्राहकों की आय और क्रय शक्ति में भी वृद्धि हो रही है, जो उपभोक्ता सामानों की मांग को बढ़ा रहा है। ई-कॉमर्स, रिटेल, और लॉजिस्टिक्स सेक्टर इन क्षेत्रों में बेहतर ग्राहक अनुभव प्रदान करने और बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अधिक मौसमी कर्मचारियों की भर्ती कर रहे हैं।
मौसमी भर्तियों में सबसे अधिक मांग वाली 5 भूमिकाएं
त्योहारों के मौसम में कंपनियाँ उन भूमिकाओं के लिए भर्ती कर रही हैं, जो सीधे ग्राहकों तक पहुँच बनाने और मांग को पूरा करने में मदद करती हैं। इनडीड के अनुसार, निम्नलिखित 5 भूमिकाएँ इस सीजन में सबसे अधिक मांग में रहने वाली हैं:
डिलीवरी एग्जीक्यूटिव्स – मौसमी भर्तियों में 30% वृद्धि
ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स में बढ़ती मांग के चलते डिलीवरी एग्जीक्यूटिव्स की भूमिका सबसे अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। त्योहारी सीजन के दौरान ऑर्डर्स में तेज़ी से बढ़ोतरी हो रही है, जिसके चलते समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना ज़रूरी है। कंपनियाँ इसके लिए अधिक डिलीवरी कर्मियों की भर्ती कर रही हैं।
वेयरहाउस कर्मचारी (पैकेजिंग, लेबलिंग, और ऑर्डर फुलफिलमेंट) – 25% वृद्धि
वेयरहाउस स्टाफ की भर्ती में भी 25% की वृद्धि देखी जा रही है, क्योंकि पैकेजिंग और ऑर्डर फुलफिलमेंट की प्रक्रिया तेज़ और सुचारू होनी चाहिए। त्योहारी सीजन में ऑर्डर्स की संख्या बढ़ने से इन कर्मचारियों की ज़रूरत बढ़ जाती है।
लॉजिस्टिक्स को-ऑर्डिनेटर – 20% वृद्धि
लॉजिस्टिक्स को-ऑर्डिनेटर्स की भूमिका आपूर्ति श्रृंखला को सुचारू बनाए रखने में महत्वपूर्ण होती है। त्योहारी सीजन में सप्लाई चेन में कोई बाधा न आए, यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनियाँ अधिक लॉजिस्टिक्स को-ऑर्डिनेटर्स की भर्ती कर रही हैं।
इन-स्टोर सेल्स एग्जीक्यूटिव्स – 15% वृद्धि
इन-स्टोर सेल्स एग्जीक्यूटिव्स की मांग भी बढ़ रही है, खासकर रिटेल सेक्टर में। त्योहारी सीजन में ग्राहकों की संख्या बढ़ने से इन कर्मचारियों की ज़रूरत होती है, ताकि वे ग्राहक सेवा और बिक्री में मदद कर सकें।
कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव्स – 15% वृद्धि
कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव्स की मांग में भी 15% की वृद्धि हो रही है, क्योंकि कंपनियाँ ग्राहकों को बेहतर सेवा प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं।
मौसमी भर्तियाँ बढ़ाने वाले उद्योग
इनडीड की रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि कुछ उद्योग ऐसे हैं, जहाँ मौसमी भर्तियों में पिछले साल के मुकाबले सबसे अधिक वृद्धि हो रही है। ई-कॉमर्स इस ट्रेंड में सबसे आगे है, जहाँ 35% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी मुख्य वजह ऑनलाइन शॉपिंग का तेजी से बढ़ना और समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करना है।
इसके बाद लॉजिस्टिक्स सेक्टर आता है, जहाँ भर्तियों में 15% की वृद्धि हो रही है। लॉजिस्टिक्स कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रही हैं ताकि वे परिवहन, वेयरहाउसिंग, और डिलीवरी की मांग को पूरा कर सकें।
रिटेल सेक्टर में भी तेजी देखने को मिल रही है, जहाँ 14% की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा क्विक कॉमर्स सेक्टर में भी 11% की बढ़त हो रही है, जो तेज़ डिलीवरी सेवाओं की बढ़ती मांग को दर्शाता है।
अन्य सेक्टरों में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिनमें BFSI (बैंकिंग, फाइनेंशियल सर्विसेज़ और इंश्योरेंस) सेक्टर में 9% की वृद्धि, कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स में 8% और टूरिज़्म एवं हॉस्पिटैलिटी में 5% की बढ़त शामिल है।
मैनुफैक्चरिंग सेक्टर में भी 3% की वृद्धि दर्ज की गई है, जो इस बात का संकेत है कि त्योहारी सीजन के दौरान उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनियाँ अधिक कर्मचारियों की भर्ती कर रही हैं।
उद्योगों में भर्ती के प्रतिशत में वृद्धि
उद्योग | नौकरी की पोस्टिंग में वृद्धि (%) |
---|---|
ई-कॉमर्स | 35% |
लॉजिस्टिक्स | 15% |
रिटेल | 14% |
क्विक कॉमर्स | 11% |
BFSI | 9% |
कंज़्यूमर प्रोडक्ट्स | 8% |
टूरिज़्म एवं हॉस्पिटैलिटी | 5% |
मैनुफैक्चरिंग | 3% |
उद्योगों में हो रही तेजी के कारण
त्योहारों के दौरान कंपनियों को अधिक कर्मचारियों की जरूरत इसलिए पड़ती है क्योंकि ग्राहकों की मांग में भारी वृद्धि होती है। ई-कॉमर्स और रिटेल सेक्टर की बात करें, तो इनमें त्योहारी सीजन के दौरान बिक्री में काफी उछाल देखने को मिलता है। इसके चलते डिलीवरी एग्जीक्यूटिव्स, पैकेजिंग स्टाफ, और कस्टमर सर्विस के कर्मचारियों की मांग बढ़ जाती है।
इसी प्रकार, लॉजिस्टिक्स और क्विक कॉमर्स सेक्टरों में भी तेज़ी से वृद्धि हो रही है। इन उद्योगों में कंपनियाँ अपने ग्राहकों को बेहतर सेवा देने के लिए सप्लाई चेन को मज़बूत बनाने की कोशिश कर रही हैं। ग्राहकों तक उत्पादों की समय पर डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए इन क्षेत्रों में अधिक संख्या में कर्मियों की जरूरत होती है।
BFSI सेक्टर में वित्तीय सेवाओं की मांग बढ़ने से कस्टमर सर्विस और सेल्स एग्जीक्यूटिव्स की मांग में भी इजाफा हुआ है।
इनडीड की इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भारत में त्योहारी सीजन के दौरान रोजगार के अवसर बढ़ते जा रहे हैं। टियर 2 और 3 शहरों में भर्ती में हो रही तेज़ी न केवल इन शहरों के आर्थिक विकास का संकेत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि कंपनियाँ अब मेट्रो शहरों तक सीमित नहीं रहकर नए क्षेत्रों में भी अपनी पकड़ बना रही हैं।
त्योहारी सीजन के दौरान मौसमी भर्तियों में हो रही वृद्धि इस बात की ओर इशारा करती है कि भारत का नौकरी बाजार विकसित हो रहा है और बदलती उपभोक्ता आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार हो रहा है।
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