जटायु वध लीला सीता हरण ने किया दर्शको को भाव विभोर…
राम का चरित्र और जीवन अनुकरणीय है|
लखनऊ : भारत की सबसे प्राचीनतम रामलीला समिति, श्रीराम लीला समिति ऐशबाग लखनऊ के तत्वावधान में रामलीला मैदान के तुलसी रंगमंच पर चल रही रामलीला के आज छठें दिन सूपनखा का राम के प्रति कामातुर होना, लक्ष्मण द्वारा नासिका विच्छेदन, सूपनखा का रावण के दरबार जाना, रावण मारीच संवाद, सीता हरण, जटायु वध, सीता खोज और जटायु राम संवाद लीला हुई। ऐशबाग रामलीला में आज मुख्य अतिथि के रूप में डॉ नीरज बोरा विधायक उत्तरी क्षेत्र ने अपने उद्बोधन में कहा कि राम का चरित्र और जीवन अनुकरणीय है।
सभी को उनके चरित्र को अपने जीवन में उतारना चाहिए। इस अवसर पर श्री राम लीला समिति के अध्यक्ष हरीशचन्द अग्रवाल और सचिव पं. आदित्य द्विवेदी ने डॉ नीरज बोरा को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया। रामलीला से पूर्व आज ऋचा तिवारी के नृत्य निर्देशन में धानवी फाऊंडेशन और आरती शुक्ला के नृत्य निर्देशन में आंचल समाज उत्थान सेवा समिति के कलाकारों ने भक्ति भावना से परिपूर्ण नृत्य की सम्मोहक प्रस्तुतियां दी। आज की राम लीला का आरम्भ सूपनखा का राम के प्रति कामातुर होना लीला से हुआए इस प्रसंग में वन में राम को जब सूपनखा देखती है तो वह उनके प्रति कामातुर हो जाती है। इस पर वह कहती है कि वह उनसे विवाह करना चाहती है, इस बात को सुनकर राम ने मना कर दिया। राम ने सूपनखा से कहा कि वह लक्ष्मण से बात करेए इस बात पर लक्ष्मण मना कर देते हैं। विवाद बढने पर लक्ष्मण, सूपनखा की नाक काट लेते हैं।
इस बात से आहत होकर वह अपने भाई रावण के पास जाती है और सारी बात बताती है, इस बात से रावण को क्रोध होता है। इसके बाद रावण मारीच संवाद, सीता हरण, जटायु वध, सीता खोज और जटायु राम संवाद लीला हुई। श्रीराम जन्म के साथ 5 दिवसीय रामलीला का आगाज लखनऊ। वशिष्ठ जी की सलाह पर संतान प्राप्ति के लिए राजा दशरथ तीनों रानियों कौशल्या, सुमित्रा, कैकेई के साथ कामेष्टी यज्ञ करते है। यज्ञ पूर्ण होने पर अग्निदेव प्रसन्न होकर राजा दशरथ को प्रसाद का एक पात्र देते है। राजा वह प्रसाद तीनों रानियों में बांट देते है और निश्चित समय के पश्चात राजा को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है, जिनके नाम राम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुघ्न रखे जाते है। सेक्टर ए सीतापुर रोड योजना में शुक्रवार को शुरू हुए पांच दिवसीय रामलीला के 31वें मंचन का आगाज प्रथम पूज्य भगवान श्री गणेशजी की आरती से हुआ। जिसके पश्चात बेटियों ने श्रीगणेशा वंदना पर समूह नृत्य की प्रस्तुति से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। पहले दिन कलाकारों ने श्रीराम जन्म, ताड़का वध, धनुष यज्ञ व परशुराम लक्ष्मण संवाद का बखूबी मंचन किया। इस मौके पर श्रीरामलीला समिति के अध्यक्ष सुरेश कुमार तिवारी, महामंत्री जितेंद्र मिश्रा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्य नारायण मौर्या, संयुक्त मंत्री शांति स्वरूप शुक्ला सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।