न्यायाधीश मेहता ने गूगल एंटीट्रस्ट मामले में एआई प्रतिद्वंद्वियों के साथ डेटा शेयरिंग पर सवाल उठाए

गूगल एंटीट्रस्ट केस: न्यायाधीश मेहता ने AI प्रतिस्पर्धियों को डेटा साझा करने पर उठाए सवाल

अमेरिका में गूगल के खिलाफ चल रहे एंटीट्रस्ट मुकदमे के अंतिम चरण में, जिला न्यायाधीश अमित मेहता यह तय कर रहे हैं कि गूगल की अवैध मोनोपोली को समाप्त करने के लिए क्या उपाय किए जाएं। इस मुकदमे में एक महत्वपूर्ण मुद्दा यह है कि क्या उभरती हुई AI कंपनियों, जैसे OpenAI और Perplexity, को गूगल के सर्च डेटा तक पहुंच प्रदान की जानी चाहिए।

AI कंपनियों को सर्च डेटा साझा करने पर न्यायाधीश की शंका

न्यायाधीश मेहता ने इस पर संदेह व्यक्त किया है कि क्या AI कंपनियों को पारंपरिक सर्च इंजन प्रतिस्पर्धियों के रूप में माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा, “ऐसा लगता है कि आप अब इस अन्य तकनीक को सामान्य सर्च इंजन बाजार की परिभाषा में शामिल करना चाहते हैं, जो मुझे नहीं लगता कि पूरी तरह से फिट बैठता है।”

DOJ का तर्क: भविष्य की प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखना आवश्यक

विभाग के वकील एडम सेवर्ट ने तर्क दिया कि जबकि मामला अतीत पर केंद्रित था, उपायों को भविष्य की प्रतिस्पर्धा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि AI तकनीकों के उदय के साथ, यह आवश्यक है कि उपायों में इन नई प्रौद्योगिकियों को शामिल किया जाए।

गूगल का बचाव: प्रतिस्पर्धा पहले से मौजूद है

गूगल के वकील जॉन श्मिड्टलीन ने कहा कि जबकि जनरेटिव AI सर्च के स्वरूप को प्रभावित कर रहा है, गूगल ने प्रतिस्पर्धा संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए डिवाइस निर्माताओं के साथ विशेष समझौतों को समाप्त कर दिया है, जिससे उन्हें प्रतिस्पर्धी सर्च और AI ऐप्स को प्री-इंस्टॉल करने की स्वतंत्रता मिलती है।

प्रस्तावित उपाय: डेटा साझा करना और डिफ़ॉल्ट सर्च सौदों को समाप्त करना

DOJ ने गूगल के खिलाफ कई उपाय प्रस्तावित किए हैं, जिनमें शामिल हैं: गूगल को अपने क्रोम ब्राउज़र को बेचना, डिफ़ॉल्ट सर्च इंजन बनने के लिए Apple और अन्य डिवाइस निर्माताओं को किए जाने वाले भुगतान को रोकना, और AI प्रतिस्पर्धियों के साथ सर्च डेटा साझा करना। हालांकि, न्यायाधीश मेहता ने ऐसे कठोर उपायों पर संदेह व्यक्त किया है और कहा है कि वह कम कठोर विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जैसे कि गूगल के डिफ़ॉल्ट सर्च प्रदाता बनने के लिए किए जाने वाले भुगतान को सीमित करना और डेटा साझा करने को केवल तभी अनिवार्य करना जब प्रतिस्पर्धा अपर्याप्त हो।

AI का उदय: सर्च प्रतिस्पर्धा का नया आयाम

न्यायाधीश मेहता ने कहा कि भविष्य की प्रतिस्पर्धा पारंपरिक सर्च इंजन से नहीं, बल्कि AI कंपनियों से आ सकती है जो केवल सर्च से अधिक कर सकती हैं। उन्होंने कहा, “अगर कुछ भी है, तो यह इन AI कंपनियों में से एक होगी जो केवल सर्च से अधिक कर सकती हैं। और क्यों? क्योंकि शायद लोग अब 10 नीले लिंक नहीं चाहते।”

अंतिम निर्णय की प्रतीक्षा

न्यायाधीश मेहता ने संकेत दिया है कि वह अगस्त 2025 तक अंतिम निर्णय देंगे। इस निर्णय का डिजिटल प्रतिस्पर्धा पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है और यह तय करेगा कि Apple और Google जैसी कंपनियां AI एकीकरण को आगे कैसे बढ़ाएंगी।

यह मामला तकनीकी उद्योग में प्रतिस्पर्धा और नवाचार के भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।

Share This Post

3 thoughts on “न्यायाधीश मेहता ने गूगल एंटीट्रस्ट मामले में एआई प्रतिद्वंद्वियों के साथ डेटा शेयरिंग पर सवाल उठाए

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *