काकासना प्राथमिक स्कूल बना अब एक आदर्श परिसर

  • ओएनजीसी CSR और एननोबल द्वारा क्रियान्वित भविष्य-उन्मुख कैंपस,
  • 156 से अधिक छात्रों को मिला लाभ;
  • गुजरात भर के सरकारी स्कूलों के लिए नए मानदंड स्थापित किए।

मेहसाणा: मेहसाणा जिले के बेचाराजी में स्थित काकासना प्राथमिक स्कूल, जो गांव का सबसे पुराना विद्यालयों में से एक था, ने एक नए अध्याय की शुरुआत की है। जो स्कूल कभी जर्जर हालत में था, वह अब 156 से अधिक छात्र-छात्राओं के लिए एक मॉडल कैंपस बन गया है।

ओएनजीसी CSR द्वारा प्रमुखता से संचालित और एनोबल द्वारा क्रियान्वित यह रूपांतरण न केवल इस क्षेत्र के, बल्कि पूरे भारत के सरकारी स्कूलों के लिए एक मानक स्थापित करता है। संरचनात्मक मरम्मत से लेकर कक्षाओं के सुधार, हरे-भरे तत्वों से लेकर खेल क्षेत्र और शिक्षण तकनीक तक—काकासना प्राथमिक स्कूल अब दिखाता है कि जब उद्देश्य-आधारित साझेदार साथ आते हैं, तो क्या संभव है।

पहले, स्कूल दीवारों में दरारें, छत से रिसाव, टूटी फेंसिंग, खराब वेंटिलेशन, पुराने या टूटे फर्नीचर, अपर्याप्त लाइटिंग और शिक्षण सामग्री की कमी जैसी समस्याओं से जूझ रहा था। कक्षाएं प्रेरणा से खाली, फीकी दीवारों और आधुनिक तकनीक के अभाव में सूनी थीं। खेल का मैदान बिना झूले-फिसलपट्टी और हरियाली के वीरान पड़ा था। रसोई और भोजन कक्ष भी खराब स्थिति में थे, जिससे मध्य-पूर्वाह्न भोजन की स्वच्छता और गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।

आज, काकासना प्राथमिक स्कूल गर्व से नया रूप ले चुका है:

  • पहली बार, स्कूल में एक पूर्णतः कार्यात्मक STEM लैब स्थापित की गई है, जहाँ छात्र पुस्तक ज्ञान से आगे निकलकर विज्ञान के साथ प्रयोग कर सकते हैं। हाथों-हाथ किए जाने वाले प्रयोग छात्रों में आलोचनात्मक सोच और समस्या-समाधान कौशल विकसित करते हैं और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को प्रोत्साहित करते हैं।
  • चमकीले बाहरी रंग, रंगीन दीवार चित्र, नई छत, पक्का मैदान, बांस की बाउंड्री, सोलर पैनल और नए फर्नीचर ने एक सुरक्षित, स्वागत योग्य वातावरण तैयार किया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों में गर्व की भावना बढ़ी है।
  • कक्षाओं में अब उज्जवल लाइटिंग, नया फर्नीचर, स्मार्टबोर्ड और डिजिटल शिक्षण सामग्री हैं, जिससे उपस्थिति में वृद्धि और इंटरैक्टिव लर्निंग संभव हुई है।
  • नए रीडिंग कॉर्नर ने स्वतंत्र अध्ययन को बढ़ावा दिया है, जबकि सुधरे हुए भोजन कक्ष सुनिश्चित करते हैं कि छात्र स्वच्छ और सुरक्षित भोजन का आनंद लें, जिससे उनके स्वास्थ्य में सुधार होता है।
  • स्कूल के मैदान में लगाए गए झूले, फिसलपट्टी और अन्य खेल उपकरण शारीरिक विकास और सामाजिक मेल-जोल को प्रोत्साहित करते हैं।
  • नये पेड़-पौधे और हरित क्षेत्र पर्यावरण को सस्टेनेबल बनाते हैं और छात्रों में पर्यावरणीय जिम्मेदारी की भावना जगाते हैं।
  • सोलर पैनल ऊर्जा दक्षता सुनिश्चित करते हैं, स्कूल का कार्बन फुटप्रिंट कम करते हैं और छात्रों को अक्षय ऊर्जा के महत्व के बारे में सिखाते हैं।

एक शिक्षक ने साझा किया: “अब यह पूरा स्कूल ही बदल गया है! रंग और नए साइनज इसे एक ताज़ा, प्रेरणादायक जगह बनाते हैं। नई कक्षाएं उज्जवल हैं, फर्नीचर आरामदायक है—छात्र अब और अधिक ध्यान केंद्रित कर पाते हैं और सक्रिय रूप से भाग लेते हैं। रीडिंग कॉर्नर उन्हें स्वयं किताबें पढ़ने के लिए प्रेरित करता है, जो शैक्षणिक विकास के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।”

प्रधानाध्यापक ने कहा: “बाहरी रूप अंदर हो रहे सकारात्मक परिवर्तनों का आइना है। समुदाय इस बदलाव पर गर्व महसूस कर रहा है। नई छत और भोजन कक्ष ने स्कूल को सुरक्षित बनाया है, और बेहतर कक्षाएं अधिक आरामदायक और उत्पादक वातावरण प्रदान करती हैं। छात्र अब अधिक संलग्न हैं, और स्कूल का सुधरा वातावरण बेहतर सीखने के परिणामों के अनुकूल है।”

छात्रों की आवाज़: “स्मार्टबोर्ड से पढ़ाई रोचक हुई है, और हम STEM किट से असली प्रयोग करना पसंद करते हैं। झूले-फिसलपट्टी मजेदार हैं! पेड़-पौधे और सोलर पैनल भी अच्छे लगते हैं। स्कूल अब और भी इको-फ्रेंडली लगता है।”

एनोबल फाउंडेशन के सीईओ चिराग भंडारी ने कहा: “हम मानते हैं कि स्कूल ऐसी जगह होनी चाहिए जो उत्साहित और प्रेरित करे। काकासना में, हमने सिर्फ इमारतें ठीक नहीं कीं, बल्कि उम्मीदें पैदा कीं। यह मॉडल स्कूल दृष्टिकोण—प्यार और समझदारी से डिजाइन किया गया—भविष्य-तैयार जगहें बनाता है जहाँ सीखना फल-फूलता है।”

ओएनजीसी के एक प्रवक्ता ने जोड़ा: “शिक्षा हमेशा ओएनजीसी के CSR मिशन का केंद्र रही है। काकासना स्कूल इस बात का उदाहरण है कि सार्थक भागीदारी क्या कर सकती है—सामुदायिक संस्थानों को पुनरुज्जीवित करना, सीखने के परिणामों को बेहतर बनाना, और एक मजबूत भारत की नींव रखना। एनोबल फाउंडेशन के साथ मिलकर इस भविष्य को आकार देने पर हमें गर्व है।”

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