पंडित अनुज मिश्रा एव दल के कत्थक नृत्य ने किया मंत्रमुग्ध…

लखनऊ : भारतीय सांस्कृतिक सम्बन्ध परिषद् व उप्र संगीत नाटक अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में क्षितिज श्रंखला के अंतर्गत ‘‘कत्थक के रंग नृत्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में बनारस घराने से तालुक रखने वाले पंडित अनुज मिश्र एवं दल की ओर कत्थक नृत्य प्रस्तुत किया गया। गोमतीनगर स्थित संगीत नाटक अकादमी के वाल्मीकि रंगशाला में आयोजित इस कार्यक्रम की शुरुआत दीप जलाकर किया गया।

गणेश वंदन ‘‘गाइये गणपति जगवंदन, शंकर सुवन भवानी के नंदना… से नृत्य कार्यक्रम की शुरुआत हुई। इसके बाद पंडित अनुज मिश्र और उनके दल ने शिव शक्ति नृत्य कर्पूर गौर करुणा वतरं खसर सरं भुजगेन्द्रहारम…। आनंद तांडव, जदा तवी गलत ज्वलत प्रभा पावा तत्सले…। रौद्र तांडव एवं जय जय गिरिबर राज किशोरी जय महेश मुख चंद्र चकोरी पर नृत्य प्रस्तुत कर सबका मन मोह लिया। उन्होंने आरंभ तीनताल विलम्बित और मध्य लय में उठान, त्रिपल्ली, आमद, तिहाई, 8, 16, 27 और 55 चक्रों के अलग-अलग गति में एक पारण के साथ 4. राम भजन श्री राम चंद्र कृपालु भजुमन… पर नृत्य पेश किया। इसके बाद उन्होंने पारंपरिक कथक ठुमरी, कृष्ण ठुमरी ‘‘रोको ना डगर मेरी श्याम जो एक है और मोहे रंग दो बाल नंद के पर नृत्य पेश किया। नृत्य नाटिका का दौर देर शाम तक जारी रहा। मिश्र और दल ने तराना कथक का एक बहुत ही सुंदर तकनीकी हिस्सा जो नृत्य और संगीत पर आधारित है पेश किया। दर्शकों ने उनके सूफियाना रंग छाप तिलक सब छीनी…व मेरा मुर्शिद खेले होली… को भी खूब पंसद किया। लीड डांसर और कोरियोग्राफर की भूमिका पंडित अजुर्न मिश्रा ने निभायी। जबकि उनके साथी कलाकारों में नेहा सिंह मिश्रा (सहायक कोरियोग्राफर), प्रीतम दास, अनामिका सिंह, अंकिता चक्रवर्ती, श्रेया वर्मा, प्रेरणा विश्वकर्मा, मानसी मिश्रा, मैत्री चौहान, सिद्धि टंडन, विवेक वर्मा, शिवेन्द्र सिंह ने अपनी शानदार प्रस्तुति से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

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