ABVP के राष्ट्रीय महामंत्री ने देश के छात्र एवं युवाओं से राष्ट्रहित में जुड़ने का आह्वान किया

नई दिल्ली: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का राष्ट्रीय अधिवेशन, इंद्रप्रस्थ ( दिल्ली) में 7 से 10 दिसंबर,2023 आयोजित हो रहा है। यह एबीवीपी के 75 वें वर्ष में प्रवेश का एवं 69वां वार्षिक अधिवेशन है । एबीवीपी के देश और दुनिया का सबसे बड़ा और प्रमुख छात्र संगठन है , दुनिया भर में भारत को युवाओं का देश कहा जाता है और देश का सबसे बड़ा छात्र संगठन अपने प्लेटिनम जुबली के रूप में यात्रा के विभिन्न पड़ावों को भी रेखांकित करेगा। साथ ही इस आगामी अधिवेशन में देशभर से स्टूडेंट्स तथा युवा महत्वपूर्ण विषयों पर संवाद के लिए एकत्रित होंगे।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्री याज्ञवल्क्य शुक्ल, इस अवसर पर हमारे साथ छात्र संगठन , राजनीति से लेकर देश दुनिया के तमाम मुद्दों पर बातचीत की और वेबकी से अपनी राय को रखा ।
1- आपको स्कूली जीवन से एबीवीपी को ज्वाइन करने के लिए क्या इंस्पायर किया
मेरी पारिवारिक पृष्ठ भूमि आर.एस.एस की है और उस कार्यकाल जब मै स्कूल में था तो मेरे बड़े भाई राष्ट्रीय परिसर से जुड़े हुए थे . संग को जाने के बाद एक राष्ट्रीय विचार के प्रवाह का रही बाने का मज़ा ही बिलकुल अलग है , हम जिस देश में निवास करते है उसकी एक संस्कृति है एक परंपरा है और ऐसे मान्यता का कोई प्रत्यक्ष है तो वो संग की पाठशाला में है . इसी ने मुझे संग से जुड़ने की प्रेरणा दी.
२- झारखण्ड के एक छोटी सी जगह गढ़वा से आते है और वहां से आपने एक कार्यकर्ता के रूप में शुरुआत की और एबीवीपी के जनरल सेक्रेटेरिएट बने इस जर्नी को आप कैसे देखते है |
जब स्कूली जीवन मे विद्यार्थी परिषद् से जुड़ा जो कार्यकर्ता के बारे में चिंता-चिंतन और उनके सर्वगुण विकास एवं निर्माण के प्रति पुरे रूप से प्रतिबद्ध संगठन है अगर मे विद्यार्थी परिषद् में ना होता तो यहाँ तक पहुंचना संभव ना हो पाता | एबीवीपी की कार्यशैली संघ से प्रेरित है जहाँ नेतृत्व की कुशलता एवं संघ की चिंतन की परंपरा उसके आधार पर हम जैसे कार्यकर्ताओ का निर्माण और काम करने लायक बने, तो यह एबीवीपी की कार्यपद्धिती एवं संघ के प्रोत्साहन की वजह से है |
३- देश में तमाम तरह के छात्र संगठन है जो दावा करते है छात्र, समाज और देश के लिए काम करने का | एबीवीपी इन छात्र संगठनों से कैसे अलग है
एबीवीपी भारत के लिए काम करता है हमारे मूल्य, मान्यताये एवं प्रतीक-भारत के प्रतीक है, हम स्वामी विवेकानंद के विचारो के आधार पर काम करते है बाहरी मुल्क के लोग हमे प्रेरित नहीं करते है हम जिस जड़ से जुड़े हुए है उस मिटटी के ही लोगो को हम अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते है | सौभाग्य से इस देश में भगत सिंह जैसे भी महापुरुष हुए है जो हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है हम भारत के लिए जीने वाले और उसी जज्बे के साथ काम करने वाले लोग है हमारे लिए काम करने के लिए राष्ट्रीयता का भाव सर्वोपरि है | सत्य सनातन और हिंदुत्व की विचारधारा पर काम करते है | एबीवीपी किसी पोलिटिकल पार्टी का हिस्सा नहीं है हमारे बैनर पोस्टर पर आप किसी नेता की तस्वीर नहीं देखेंगे | हम वैचारिक आंदोलन के लिए इस देश में काम करते है इन राष्ट्रीय प्रेरणा स्वरूपों, प्रतीकों के आधार पर काम करने वाले संगठन है हम भारत माता की जय एवं वन्दे मातरम को अपना प्रेरणा मंत्र मानते है यहाँ पर मै अटल बिहारी वाजपेयी को सलाम करना चाहूंगा जिन्होंने कहा था “हमारा कोई विरोधी नहीं है, श्री मोहन जी भागवत बार बार कहते है हम सभी भारतवासियों के पूर्वज एक ही है | भारत की यात्रा राष्ट्रीयता की यात्रा है |
४- एबीवीपी ७५वे वर्ष में प्रवेश कर रहा है इस बार का एबीवीपी का राष्ट्रीय अधिवेशन दिल्ली में हो रहा है, क्या रहेगा मूल मुद्दा
हम अभी ७५वे वर्ष में प्रवेश करेंगे और इस अवसर पर सौभाग्य से इन्द्रप्रस्ठ नगर में अपना राष्ट्रीय अधिवेसन मनाएंगे | इन्द्रप्रस्ठ बोलने से हम महाभारत काल से जुड़ने का प्रयास करते है और जो कई बार लोग भारतीय सनातन, हिन्दू और इत्यादि पर प्रश्न खड़ा करते थे | इतिहास के अमूल्य आधार से जुड़ने के लिए हमारा आयोजन होने वाले इन्द्रप्रस्ठ नगर में है | इस राष्ट्रीय अधिवेशन में हम सामाजिक जीवन में घटित घटनाओ पर चर्चा करेंगे | भारत की 21वीं सदी की तैयारी के लिए नौजवानों का निर्माण होना चाहिए हम सभी की भाषा वेशभूषा अलग हो सकती है लेकिन भारतीयता का एकता का सूत्र उसी उसको भी ढूंढना राष्ट्रीय अधिवेशन के अंदर आता है | चार दिनों के लिए नौजवानों का एक जगह आना और भारत की शिक्षा समाज रचना भारतीय परिवार भारत के समर्थन के साथ परवांगिक विकास पर चर्चा करेंगे कुल मिलाकर के हम भारत पर चर्चा करेंगे हम अपने डिमांड के लिए नहीं आते हैं भारत के प्रति हमारा उत्तरदायित्व है और इस उत्तरदायित्व के लिए हम इस राष्ट्रीय अधिवेशन में आते हैं |
५- भारत में युवा वर्ग के लिए आपका क्या संदेश हो सकते हैं यह देखते हुए की पूरी दुनिया इस समय वर्ल्ड वॉर की स्थिति से जूझ रही है
जब भी विश्व लड़खड़ाया है भारत में नेतृत्व दिया है इस साल इसलिए भारत को विश्व गुरु कहा जाता है हम महाशक्ति नहीं बन हमें महाशक्ति नहीं बनना है क्योंकि समस्याएं यह हो रही है की महाशक्ति बनने के बाद लोगों ने अत्याचार किया है कई देश महाशक्ति बनने के बाद दूसरे देश को निगलने का प्रयास किया और जी-20 में आप देखेंगे कि भारत विश्व गुरु की दिशा में अग्रसर है भारत के विचार दुनिया के ग्लोबल जगत के प्रगति का विचार है और सभी विकास रोग को परास्त करने की शक्ति भारत के पास है | इसलिए भारत के लोग ही विश्व गुरु हैं क्योंकि भारत के लोग चुनौतियों में भी मुस्कुराते हैं भारत ने विश्व गुरु बनने की तरफ कदम बढ़ाया है तो प्रत्येक नौजवानों का कर्तव्य है कि हम सबको विश्व गुरु बनना पड़ेगा दुनिया की अग्रिम पंक्ति में भारत का नौजवान खड़ा होना चाहिए|
What i do not understood is actually how you are now not actually much more well-liked than you might be right now. You’re so intelligent. You recognize thus considerably in relation to this topic, made me for my part imagine it from so many numerous angles. Its like men and women aren’t involved except it¦s something to do with Girl gaga! Your individual stuffs nice. At all times care for it up!
Hi there, I found your blog via Google while looking for a related topic, your website came up, it looks great. I have bookmarked it in my google bookmarks.