नव दुर्गा नव रूप मैया, पूजे तो पावे वरदान…

उ.प्र. संगीत नाटक अकादमी की ओर से नवरात्रि और विजयादशमी के अवसर पर हुआ आवाहन कार्यक्रम

लखनऊ : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी की ओर से नवरात्रि एवं विजयादशमी के अवसर पर शुक्रवार को आवाहन कार्यक्रम का आयोजन अकादमी के संत गाडगे आडिटोरियम में किया गया। उसमें पटना से आईं डॉ. रंजना झा ने भक्तिरस से सराबोर भजन सुनाए वहीं स्थानीय कथक केन्द्र की प्रस्तुति शक्ति स्वरूपा कथक नृत्य ने दर्शकों की प्रशंसा हासिल की। इस अवसर पर संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के विशेष सचिव राकेश चन्द्र शर्मा मुख्य अतिथि थे। समारोह में उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के निदेशक, डॉ. शोभित कुमार नाहर की उपस्थित में कलाकारों का अभिनंदन किया गया। आवाहन सांस्कृतिक संध्या में बतौर अतिथि सहायक निदेशक संस्कृति तुहिन द्विवेदी, लोक एवं जनजातीय संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी और संतकबीर अकादमी के सलाहकार आशुतोष द्विवेदी भी उपस्थित रहे।

पटना से आईं डॉ. रंजना झा ने सुनाए भजन और कथक केन्द्र की हुई शक्ति स्वरूपा प्रस्तुति…

श्वेता तिवारी के संचालन में हुए इस समारोह में केन्द्रीय आकर्षण भजन संध्या रही। संगीत चिंतक डॉ. रंजना झा ने शास्त्रीय संगीत के साथ ही उपशास्त्रीय संगीत, सुगम और लोक संगीत को भी अपनी सुरीली अभिव्यक्ति का माध्यम बनाया है। उन्होंने भजन, गीत, गजल, ठुमरी, सूफी संगीत और विशेषकर मैथिली लोक संगीत को राष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय किया है। भक्ति रसए प्रेम रस और सूफियाना अंदाज उनकी गायन की अन्य विशेषताएं हैं। साल 2012 में पद्मश्री विंध्यवासिनी देवी बिहार कला सम्मान और साल 2020 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से अलंकृत डॉ.रंजना झा, भारत गौरव सम्मान, संगीत कला रत्न, लिच्छवी सम्मान, एक्सलेंस अवार्ड, मिथिला विभूति सम्मान, नेशन बिल्डर अवार्ड, वीरांगना सम्मान, विरासत सम्मान से भी सम्मानित की गई हैं। डॉ. रंजना झा ने भजनों की मधुर सरिता को प्रवाहित करते हुए शुक्रवार को कनक भूधर शिखर वासिनि भजन सुनाया। संगीत के माध्यम से साधना का मार्ग, भजन गायकी से सहजता से प्राप्त किया जा सकता है। ऐसे में उन्होंने खासतौर से मन चंचल चल राम शरण में सुनाया तो सुधि श्रोताओं ने करतल ध्वनि कर उनका स्वागत किया। इस क्रम को बढ़ाते हुए उन्होंने लगाले प्यारे राम भजन से प्रीत और तेरा राम जी करेंगे बेड़ा पार भी सुनाया। नवरात्र का अवसर था इसलिए उन्होंने नव दुर्गा नव रूप मैया, पूजे तो पावे वरदान सुनाकर शाम को परवान चढ़ाया।

दूसरी प्रस्तुति कथक केन्द्र की रही जिसमें कलाकारों ने नवरात्र के अवसर पर शक्ति स्वरूपा का जोशीला प्रदर्शन किया। इस में कलाकारों ने अपने कुशल नृत्य के माध्यम से सम्प्रेक्षित किया कि आदि शक्ति जगत जननी शक्ति स्वरूपा माँ जगदम्बिका ने धरती से पाप और अत्याचार को मिटाने के लिए महिषासुर जैसे अत्याचारी असुरों का संहार करने के लिए शक्ति स्वरूपों में अवतार लेकर वसुंधरा को पाप मुक्त किया था। इस कथक प्रस्तुति में प्रियम यादवए सृष्टि प्रताप, विधि जोशी, अदिति जायसवाल, विदुषी शुला, गौरी शुक्ला, सानवी सक्सेना, शताक्षी यादव, मौसम कुमारी, ऐशनी पाठक सहित कई कलाकारों ने प्रस्तुति दी। इसे प्रस्तुति को संगीतकार कमलाकांत ने अपने संगीत से अलंकृत किया था।

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