क्वेस्ट एलायंस और डीटीटीई दिल्ली ने संपन्न करियर के जरिए युवाओं को सशक्त बनाने के लिए सहभागिता की -दोनों पक्षों ने इस संबंध में एमओयू एक्सचेंज किए

दिल्ली, 03 जून, 2025: दिल्ली के स्किलिंग इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए उठाए गए एक
महत्वपूर्ण कदम में, दिल्ली सरकार के प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा विभाग (डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेनिंग एंड
टेक्निकल एजुकेशन-डीटीटीई) ने एक नॉट फॉर -प्रोफिट ऑर्गनाइजेशन क्वेस्ट एलायंस के साथ एक समझौता
ज्ञापन (एमओयू) को रिन्यू किया है। यह इंटरवेंशन फ्यूचर राइट स्किल्स नेटवर्क (एफआरएसएन)के सहयोग
से किया जाएगा, जो क्वेस्ट एलायंस द्वारा सुगम और एक्सेंचर, सिस्को, जेपी मॉर्गन चेस और सैप द्वारा
फंडेंड एक राष्ट्रीय पहल है। एफआरएसएन सिविल सोसायटी आर्गेनाइजेशंस, शिक्षाविदों, इंडस्ट्री बॉडीज और
सरकारी संस्थानों को एक साथ लाता है ताकि सिस्टेमेटिक बदलाव को सक्षम किया जा सके। इसके साथ
ही सरकार द्वारा संचालित औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) में युवाओं के बीच रोजगार प्राप्त करने
के लिए उपयोगी स्किल्स का निर्माण किया जा सके।
एमओयू का आदान-प्रदान दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री सुश्री रेखा गुप्ता, माननीय शिक्षा एवं कौशल मंत्री
श्री आशीष सूद, सैक्रेटरी, डीटीटीई सुश्री नंदिनी पालीवाल और डायरेक्टर, डीटीटीई श्री कुमार अभिषेक की
उपस्थिति में किया गया।इसका उद्देश्य अगले तीन वर्षों में 19 तकनीकी संस्थानों में आईटीआई शिक्षार्थियों
को सुसज्जित करना है, जो तेजी से बदलते नौकरी बाजार में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और
मानसिकता के साथ हैं।
2017 से, क्वेस्ट एलायंस और डीटीटीई ने फ्यूचर स्किल्स फॉर थ्राइविंग करियर (एफएसटीसी) दृष्टिकोण के
माध्यम से युवा महिलाओं के बीच करियर की आकांक्षाओं को बनाने के लिए मिलकर काम किया है। ये
एक ऐसा कार्यक्रम जो जेंडर को लेकर तय मान्याताओं को तोड़ने, नौकरी के लिए तैयार होने और सार्थक
आईटीआई के आ रहे बदलाव का समर्थन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी सफलता के आधार
पर, इस पहल का विस्तार अब कोएड संस्थान में मेल स्टूडेंट्स को शामिल करने के लिए किया जाएगा,
जिसमें जेंडर-इनक्लूसिव, भविष्य के लिए तैयार आईटीआई बनाने पर निरंतर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
इस मौके पर दिल्ली की माननीय मुख्यमंत्री सुश्री रेखा गुप्ता ने कहा, “दिल्ली के युवाओं को कौशल प्रदान
करना हमारी सरकार के लिए पहले दिन से ही सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। अपने पहले 100 दिनों में,
हम ने आईटीआई पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने और यह सुनिश्चित करने पर जोर दिया है कि प्रत्येक युवा

व्यक्ति, पुरुष और महिला दोनों को भविष्य के लिए तैयार शिक्षा और कैरियर के अवसरों तक
आसान पहुंच मिले।”
नए विस्तारित इंटरवेंशन से आईटीआई मांग के अनुसार कोर्सेस को डिजाइन और उपलब्ध कराएंगे। इसके
साथ ही इंडस्ट्री के साथ सहभागिता बढ़ाई जाएगी और भविष्य के लिए जरूरी कौशल पर ध्यान केंद्रित
करेंगे, जिसके लिए प्रमुख हितधारकों की क्षमता और सोच को तैयार करने की आवश्यकता होगी। यह
प्रधानाध्यापकों, प्रशिक्षकों और प्लेसमेंट अधिकारियों के विस्तृत क्षमता-निर्माण और आईटीआई के भीतर
मजबूत कैरियर रेडीनेस ईकोसिस्टम के विकास के माध्यम से सक्षम किया जाएगा। ब्लेंडेड लर्निंग मॉडल,
क्वेस्टऐप, इन-पर्सन वर्कशॉप और इमर्सिव वर्कप्लेस एक्सपोजर के माध्यम से – इन बदलावों को तेजी से
अपनाने और निरंतर लर्निंग की मानसिकता को बढ़ावा देते हुए कक्षाओं में प्रेक्टिकल उपयोगिता लाएगा।
सुश्री नंदिनी पालीवाल, सैक्रेटरी, डीटीटीई ने कहा, “सरकार के साथ मिलकर हस्तक्षेप करके, क्वेस्ट
एलायंस एक महत्वपूर्ण मूल्यवान भागीदार है जो आईटीआई, शिक्षार्थियों, उनके परिवारों और इंडस्ट्री के
बीच तालमेल लाता है। माता-पिता और उद्योग की भागीदारी पर उनका निरंतर ध्यान यह सुनिश्चित
करता है कि शिक्षार्थियों इस बारे में पूरी जानकारी हासिल करके सही कैरियर विकल्प चुन सकें।”
इस साझेदारी की सफलता को दोहराते हुए, निकिता बेंगानी, डायरेक्टर, यूथ प्रोग्राम्स, क्वेस्ट एलायंस ने
कहा कि “दिल्ली में युवा महिलाओं के साथ काम करना बहुत फायदेमंद रहा है, जिससे गहरे और
उपयोगी इनसाइट्स मिले हैं। हमने देखा है कि काम संक्रमण दर में सुधार हुआ है और अधिक महिलाएं
गैर-पारंपरिक करियर अपना रही हैं। जैसे -जैसे काम की दुनिया विकसित होती है– ऑटोमेशन, जलवायु
परिवर्तन और उभरती हुई प्रौद्योगिकियों द्वारा आकार लिया जाता है। इससे युवाओं को न केवल
तकनीकी कौशल का विकास करना चाहिए, बल्कि नई चीजों को अपनाने और लीडरशिप की सोच को भी
विकास करना चाहिए। उन्हें वह भविष्य तैयार करने में सक्षम होना चाहिए जो वे अपने लिए देखना
चाहते हैं। इसका मतलब है कि सीखने को अधिक शिक्षार्थी के नेतृत्व वाले और शिक्षार्थी-केंद्रित, और
शिक्षकऔर फैसिलिटेटर्स में भी यही मानसिकता पैदा करना। हमारा दृष्टिकोण समान एक्सेस बनाना और
सभी हितधारकों को तेज़ी से बदलती दुनिया में कामयाब होने के लिए सशक्त बनाना है।”
यह एमओयू दिल्ली के आईटीआई में समावेशी, उद्योग-संरेखित और भविष्य-केंद्रित शिक्षा को आगे बढ़ाने में
एक महत्वपूर्ण क्षण है।

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