केंद्रीय बजट 2025: इनोवेशन डिजिटल इंडिया की गति में तेजी लाएगा -अरुंधति भट्टाचार्य, सेल्सफोर्स इंडिया की सीईओ एवं चेयरपर्सन
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दिल्ली: सेल्सफोर्स इंडिया की सीईओ एवं चेयरपर्सन अरुंधति भट्टाचार्य के अनुसार ‘‘भारत एक ऐसे मोड़ पर है, जब विश्व की डिजिटल अर्थव्यवस्था में इसके नेतृत्व का निर्धारण एआई-संचालित इनोवेशन, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, और फ्यूचर-रेडी वर्कफोर्स करेंगे। केंद्रीय बजट 2025 में केवल एक वित्तीय योजना ही पेश नहीं की गई है, बल्कि एक मजबूत डिजिटल भारत का साहसी ब्लूप्रिंट पेश किया गया है, जिसमें टेक्नोलॉजी पर आधारित विकास, एआई-संचालित आधुनिकीकरण, और समावेशी आर्थिक वृद्धि पर जोर दिया गया है।
भारत की वित्तीय और टेक्नोलॉजिकल प्रगति की साक्षी बनने के बाद इस बजट में मुझे विकसित भारत की ओर हमारे सफर में एक अहम मोड़ दिखाई दे रहा है, जो इनोवेशन, सस्टेनेबिलिटी और समावेशिता पर आधारित होगा।
डीप टेक फंड ऑफ फंड्स और आईआईटी एवं आईआईएससी में टेक्नोलॉजिकल रिसर्च के लिए 10,000 फैलोशिप्स जैसे अभियानों द्वारा एआई और डीप-टेक को आगे बढ़ाने की सरकार की प्रतिबद्धता से ऑटोमेशन और विकसित होती हुई टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नेतृत्व करने का भारत का उद्देश्य प्रदर्शित होता है। टियर 2 शहरों में ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (जीसीसी) पर ध्यान केंद्रित किए जाने से एआई-पॉवर्ड डिजिटल सेवाएं शुरू हो सकेंगी, जिससे बड़े स्तर पर क्षेत्रीय इनोवेशन और नए रोजगार के अवसरों का निर्माण होगा।
इस परिवर्तन की बुनियाद स्किलिंग है। भारत में दुनिया का सबसे विशाल टेलेंट पूल है, जिसके कारण यहाँ एआई क्रांति लाने का एक अद्वितीय अवसर है। लेकिन इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए तेजी से अपस्किलिंग, उद्योग के साथ गठबंधन और लर्निंग को जनसमूह तक पहुँचाने की आवश्यकता है। सरकार द्वारा 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स में निवेश, शिक्षा में एआई के लिए 500 करोड़ रुपये का सेंटर ऑफ एक्सिलेंस तथा स्किलिंग के लिए पाँच नेशनल सेंटर्स ऑफ एक्सिलेंस सेल्सफोर्स में हमारे मिशन के अनुरूप हैं। सेल्सफोर्स में ट्रेलहेड और हमारे सेल्सफोर्स-एआईसीटीई वर्चुअल इंटर्नशिप प्रोग्राम द्वारा हम हजारों लर्नर्स को एआई, क्लाउड, और ऑटोमेशन का कौशल प्रदान कर रहे हैं, ताकि वो भविष्य के कार्यबल में आगे बढ़ सकें।
एमएसएमई भारतीय अर्थव्यवस्था की नींव ही नहीं, बल्कि वो इनोवेशन, विकास, रोजगार और आर्थिक मजबूती का इंजन हैं। उनमें निवेश, टर्नओवर की सीमा में संशोधन तथा क्रेडिट की उपलब्धता बढ़ाकर सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि एमएसएमई पूरे विश्व में अपना विस्तार कर सकें तथा इनोवेशन की संस्कृति का विकास कर सकें।’’
डिजिटल परिवर्तन सही मायने में तब होता है, जब वह विविधता और समावेशन पर आधारित हो। सरकार द्वारा पहली बार उद्यमिता अपना रही महिलाओं, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 2 करोड़ रुपये के टर्म लोन की स्कीम से सभी को समावेशी आर्थिक अवसर प्रदान करने की सरकार की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है। टेक्नोलॉजी लंबे समय से समानता ला रही है, और महिलाओं को नेतृत्व, उद्यमिता एवं एसटीईएम में आगे बढ़ा रही है। डिजिटल युग में भारत का नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए इनोवेशन का समावेशी होना अनिवार्य है, जो एआई-संचालित अर्थव्यवस्था में सभी को आगे बढ़ने में समर्थ बनाता हो।
भारत में नेशनल मैनुफैक्चरिंग मिशन, क्लीनटेक में निवेश और एआई-इनेबल्ड एनर्जी एफिशियंसी सॉल्यूशंस जैसे अभियानों ने सस्टेनेबिलिटी को केंद्र में ला दिया है। साथ ही, न्यूक्लियर एनर्जी मिशन का उद्देश्य 20247 तक 100गीगावॉट की न्यूक्लियर पॉवर का उत्पादन करना है, जो क्लीन एनर्जी की ओर एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस अभियान से हाई-परफॉर्मेंस, एआई-संचालित डेटा सेंटर्स की बढ़ती मांग को पूरा करते हुए एनर्जी सिक्योरिटी और सस्टेनेबिलिटी में मजबूती आएगी। न्यूक्लियर पॉवर एक विश्वसनीय, हाई-आउटपुट समाधान है, जो भारत के डिजिटल विस्तार और इनोवेशन-संचालित अर्थव्यवस्था में मुख्य भूमिका निभाएगी।
विकसित भारत की ओर भारत के सफर में टेक्नोलॉजी, डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर, और वर्कफोर्स की स्किलिंग का अहम योगदान है। केंद्रीय बजट 2025 आर्थिक विकास में तेजी लाएगा, तथा व्यवसायों एवं लोगों को देश के डिजिटल परिवर्तन का नेतृत्व करने में समर्थ बनाएगा। एआई-संचालित आधुनिकीकरण, डिजिटल स्किलिंग, और स्टार्टअप की ग्रोथ पर बजट का फोकस इस उद्देश्य के अनुरूप है।’’