देश में लक्जरीआवास,ऑफिस स्पेस की मांग बढ़ी,सस्ते मकानों की बिक्री घटी
- नाइट फ्रैंक इंडिया के रिपोर्ट में कहा गया किफायती आवास की बिक्री में गिरावट दिखी .
- 1 करोड़ से महंगे , मध्यम आय वर्ग और लक्जरी आवास खंड में ऊंची मांग बरक़रार रही
- ऑफिस स्पेस की मांग में बढ़ोतरी दर्ज की गयी
- होम लोन पर ज्यादा ब्याज दर के घरों की कीमतों में उछाल से बिक्री में गिरावट दर्ज की गयी
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के वेबिनार में यह रिपोर्ट जारी की.जिसके मुताबिक देश के 8 प्रमुख शहरों में वर्ष २०२३ में 50 लाख रुपये कीमत तक के घरों की बिक्री 16 प्रतिशत घटी है । रिपोर्ट में कहा गया है कि संपत्ति की कीमतों में उछाल और होम लोन पर ज्यादा ब्याज की वजह से घरों की बिक्री में गिरावट आई है।
देश के बड़े 8 शहरों…दिल्ली–एनसीआर, मुंबई महानगर क्षेत्र (MMR), चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु, पुणे, हैदराबाद में बीते साल सभी मूल्य वर्ग में घरों की बिक्री 5 प्रतिशत बढ़ी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 लाख रुपये तक कीमत के घरों की आपूर्ति में पिछले साल सालाना आधार पर करीब 20 प्रतिशत की गिरावट आई.
मध्यम आय वर्ग और लक्जरी आवास खंड में ऊंची मांग की वजह से घरों की कुल बिक्री 10 साल के उच्चस्तर पर पहुंच गई. रियल एस्टेट सलाहकार नाइट फ्रैंक इंडिया एक वेबिनार में यह रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत वाली आवासीय संपत्तियों की बिक्री 2022 के 1,17,131 इकाई के आंकड़े से घटकर 2023 में 97,983 इकाई रह गई।
इससे कुल आवास बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 37 प्रतिशत से घटकर 30 प्रतिशत रह गई है. एक करोड़ रुपये से अधिक कीमत वाले घरों की हिस्सेदारी 2022 के 27 प्रतिशत से बढ़कर 2023 में 34 प्रतिशत हो गई.
देश की मजबूत आर्थिक बुनियाद की वजह से खरीदारों का दीर्घावधि का निवेश करने का भरोसा बढ़ा है. वर्ष 2018 में कुल आवासीय बिक्री में किफायती घरों की हिस्सेदारी 54 प्रतिशत थी।
2023 में मुंबई ने संपत्तियों के बिक्री कुल पंजीकरण के लिहाज से 11 सालों में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया। मुंबई में 50 लाख रुपये और उससे कम कीमत के घरों की बिक्री 2023 में छह प्रतिशत घटकर 39,093 इकाई रह गई, जो इससे पिछले वर्ष में 41,595 इकाई थी।
किफायती आवास खंड में सबसे अधिक गिरावट बेंगलुरु में देखी गई. बेंगलुरु में सस्ते घरों की बिक्री 46 प्रतिशत घटकर 8,141 इकाई रह गई. 2022 में यह आंकड़ा 15,205 इकाई का था. दिल्ली–एनसीआर के बाजार में सस्ते घरों की बिक्री 44 प्रतिशत घटकर 7,487 इकाई रह गई, जो 2022 में 13,290 इकाई थी।
नाइट फ्रैंक ने कहा कि 2023 में कुल आवास बिक्री पांच प्रतिशत बढ़कर 3,29,097 इकाई हो गई, जो इससे पिछले वर्ष 3,12,666 इकाई थी. मुंबई में कुल आवास बिक्री दो प्रतिशत बढ़कर 86,871 इकाई हो गई, जो 2022 में 85,169 इकाई थी।
दिल्ली–एनसीआर में बिक्री तीन प्रतिशत बढ़कर 60,002 इकाई रही, जो इससे पिछले साल 58,460 इकाई थी. बेंगलुरु में कुल बिक्री एक प्रतिशत बढ़कर 53,363 इकाई से 54,046 इकाई हो गई. वहीं पुणे में बिक्री 13 प्रतिशत बढ़कर 43,409 इकाई से 49,266 इकाई हो गई।
वैश्विक निवेशक इस साल भारतीय रियल एस्टेट में पैसा लगाने को लेकर सतर्क रहे हैं। निजी इक्विटी (पीई) निवेश 12 दिसंबर तक पूरे पिछले साल की तुलना में 44 प्रतिशत घटकर तीन अरब अमेरिकी डॉलर रह गया। नाइट फ्रैंक ने एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
नाइट फ्रैंक इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक इस साल ऑफिस स्पेस की मांग बढ़कर 596 लाख पहुंच गई, जो सर्वोच्च स्तर 606 लाख वर्ग फुट के करीब है।