भारत में सबसे ज़्यादा पुरस्कार प्राप्त करने वाली यूनिवर्सिटी बनी शूलिनी यूनिवर्सिटी
हिमाचल प्रदेश की शूलिनी यूनिवर्सिटी, भारत की प्रमुख अनुसंधान-आधारित युवा निजी यूनिवर्सिटी अब भारत में सबसे ज्यादा पुरस्कार प्राप्त करने वाली निजी यूनिवर्सिटी बन गई है। इस यूनिवर्सिटी ने विश्व स्तर पर और राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त करी है, अच्छी क्वालिटी की शिक्षा शुरू की है और अभूतपूर्व अनुसंधान को बढ़ावा भी दिया है। शूलिनी को टाइम्स हायर एजुकेशन (टीएचई) वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 और क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2024 ने संयुक्त रूप से भारत में नंबर 1 प्राईवेट यूनिवर्सिटी के रूप में स्थान दिया है। इतना ही नहीं शूलिनी को और भी कई पुरस्कारों से नवाज़ा गया है। यह क्यूएस एशिया यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 द्वारा प्रति पेपर साइटेशन के लिए भारत की सबसे बेहतरीन प्राइवेट यूनिवर्सिटी मानी जाती है। इम्पैक्ट रैंकिंग 2023 में इस युनिवर्सिटी ने पूरी दुनिया की शीर्ष 200 युनिवर्सिटीज में अपना स्थान हासिल किया और भारत में #2 के पायदान पर रही। यंग यूनिवर्सिटी रैंकिंग ने शूलिनी यूनिवर्सिटी को वैश्विक स्तर पर #91 और भारत में #3 स्थान दिया है, जिससे अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में इसकी स्थिति और भी मजबूत हो गई है।
उत्तमता के प्रति शूलिनी यूनिवर्सिटी की प्रतिबद्धता इंजीनियरिंग और भौतिक विज्ञान दोनों ही विषयों में देखी जा सकती है, जिसके फलस्वरूप इसने विश्वस्तर की रैंकिंग में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। द वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग 2023 में, शूलिनी को पूरे भारत में नंबर 2 इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता मिली है, जो विश्व स्तर पर टॉप 201 से 250 के बीच में अपनी जगह बनती है। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में, यह यूनीवर्सिटी हाल ही में भारत की नंबर 1 और विश्व स्तर पर 201से 250 के बीच के स्थान पर है। इन उपलब्धियों द्वारा महत्वपूर्ण वैज्ञानिक अनुशासन विषयों में बेहतर अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए शूलिनी की प्रतिबद्धता प्रदर्शित होती है।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के फाउंडर और चांसलर, प्रोफेसर पीके खोसला ने कहा कि, “शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर होने के नाते मुझे यह घोषणा करते हुए बहुत गर्व महसूस हो रहा है कि हमनें पिछले 3 सालों में बड़ी सफलतापूर्वक देश की निजी यूनीवर्सिटीज में शीर्ष स्थान पर अपना परचम लहराया है। एक शोध-केंद्रित संस्थान स्थापित करने के दृढ़ दृष्टिकोण के साथ हमने अपनी शुरुआत करी थी, और अब हमारे लिए यह एक मील का पत्थर साबित हुई है।”
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक सूची जारी की थी जिसके अनुसार, शूलिनी यूनिवर्सिटी ने 1,300 से भी ज़्यादा पेटेंट दायर किए हैं, और इसके दो शोधकर्ता दुनिया के शीर्ष 1% वैज्ञानिकों में से हैं। शूलिनी यूनिवर्सिटी की उद्योगों के साथ मजबूत साझेदारियाँ भी हैं, जो छात्रों को वास्तविक दुनिया का अनुभव लेने के अवसर भी देती हैं। क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग ने इस यूनिवर्सिटी को साइटेशन्स पर फैकल्टी में #1 और भारत की निजी यूनिवर्सिटी में #1 पर स्थान दिया है। 111 से ज्यादा के एच-इंडेक्स के साथ, यह यूनीवर्सिटी पूरी दुनिया के मुख्य संस्थानों के साथ अनुसंधान आउटपुट में कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
विदेश मंत्रालय (भारत सरकार) के पूर्व सचिव और शूलिनी यूनिवर्सिटी में अंतर्राष्ट्रीय मामलों के मुख्य सलाहकार, संजीव अरोड़ा ने कहा, “शूलिनी यूनिवर्सिटी की अभूतपूर्व उपलब्धियाँ प्रतिभा का पोषण करने और अत्याधुनिक शोध को बढ़ावा देने की संस्थान की प्रतिबद्धता को प्रमाणित करती हैं। मैं शोध और इनोवेशन पर केंद्रित रहने के लिए इसकी सराहना करता हूँ। विश्वस्तरीय फैकल्टी और अत्याधुनिक ढांचे के साथ, यह यूनिवर्सिटी शैक्षणिक उत्कृष्टता की ओर लगातार आगे बढ़ रही है। भारत विकास के अगले चरण में प्रवेश कर रहा है, और शूलिनी यूनिवर्सिटी इस उज्ज्वल भविष्य के लिए सर्वश्रेष्ठ नेतृत्वकर्ताओं और इनोवेटर्स के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।”
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