ऑपरेशन सिंदूर: वैश्विक प्रतिक्रियाएँ और कूटनीतिक परिप्रेक्ष्य

वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ – ट्रंप ने की आलोचना, पुतिन और नेतन्याहू ने की संयम की अपील
भारत द्वारा 7 मई 2025 को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर की गई सैन्य कार्रवाई ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय में व्यापक प्रतिक्रियाएँ उत्पन्न की हैं। यह ऑपरेशन भारतीय कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में 26 हिंदू पर्यटकों की हत्या के बाद किया गया था, जिसे भारत ने आतंकवादियों द्वारा किया गया हमला माना। भारत ने इस ऑपरेशन में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे आतंकी समूहों के ठिकानों को निशाना बनाया।
अमेरिका: संयम की अपील
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को “शर्मनाक” करार दिया और उम्मीद जताई कि जल्द ही शांति बहाल होगी। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि अमेरिका इस स्थिति पर नजर बनाए हुए है और दोनों देशों के साथ बातचीत कर रहा है। अमेरिका की यह संतुलित नीति बताती है कि वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने के पक्षधर हैं, लेकिन भारत की आतंकवाद विरोधी कार्रवाई की निंदा नहीं की गई है।
इज़राइल: स्पष्ट समर्थन
इज़राइल की प्रतिक्रिया सबसे स्पष्ट और भारत के पक्ष में रही। भारत में इज़राइल के राजदूत रुवेन अजार ने कहा कि हम भारत के आत्मरक्षा के अधिकार का समर्थन करते हैं। आतंकवादियों को उनके अपराधों की कीमत चुकानी होगी। यह बयान भारत को राजनयिक समर्थन देता है और यह संकेत भी देता है कि इज़राइल आतंकवाद के विरुद्ध भारत के साथ खड़ा है।
चीन: तनाव से बचने की अपील
चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को शांति बनाए रखनी चाहिए और ऐसी कार्रवाई से बचना चाहिए जिससे स्थिति और जटिल हो। चीन का यह बयान एक राजनीतिक संतुलन दिखाता है; वह पाकिस्तान के साथ खड़ा रहना चाहता है लेकिन खुलेआम भारत का विरोध नहीं कर रहा।
संयुक्त राष्ट्र: संयम की आवश्यकता
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि हम LOC और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सैन्य गतिविधियों को लेकर चिंतित हैं। भारत और पाकिस्तान दोनों को संयम बरतना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र का यह बयान एक विश्वव्यापी चिंता को दर्शाता है कि दक्षिण एशिया का कोई भी संघर्ष वैश्विक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है।
संयुक्त अरब अमीरात: कूटनीति की प्राथमिकता
यूएई के उप-विदेश मंत्री शेख अब्दुल्ला बिन जायद ने कहा कि तनाव को शांति से सुलझाने का सबसे बेहतर तरीका कूटनीति और संवाद है। यूएई का यह बयान स्पष्ट करता है कि खाड़ी देश दोनों पक्षों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखना चाहते हैं। वह किसी भी सैन्य समाधान के बजाय राजनयिक विकल्पों को प्राथमिकता देते हैं।
रूस: सुरक्षा को लेकर चिंता
रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने कहा कि भारत-पाक तनाव को लेकर हम चिंतित हैं और दोनों देशों से संयम की अपील करते हैं। हालांकि रूस ने पहलगाम आतंकी हमले की कड़ी निंदा की थी, जिससे संकेत मिलता है कि वह भारत की आतंकी विरोधी नीति का समर्थन करता है, लेकिन सैन्य कार्रवाई से स्थिति के बिगड़ने को लेकर सतर्क भी है।
पाकिस्तान: प्रतिशोध की धमकी
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भारतीय हमलों को “कायराना” करार दिया और प्रतिशोध की धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान समय और स्थान चुनकर जवाबी कार्रवाई करेगा। पाकिस्तान ने दावा किया कि भारतीय हमलों में 31 नागरिक मारे गए और 46 घायल हुए। इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय विमानों को मार गिराने का दावा किया, हालांकि भारत ने इस दावे का खंडन किया है।
निष्कर्ष
ऑपरेशन सिंदूर पर विभिन्न देशों की प्रतिक्रियाएँ कूटनीतिक दृष्टिकोण, राष्ट्रीय हितों और क्षेत्रीय सुरक्षा चिंताओं के आधार पर भिन्न हैं। अंतरराष्ट्रीय समुदाय की मुख्य चिंता स्थिति को और अधिक बिगड़ने से रोकने और कूटनीतिक समाधान की दिशा में प्रयास करना है। भारत ने अपनी कार्रवाई को आत्मरक्षा के रूप में प्रस्तुत किया है, जबकि पाकिस्तान ने इसे आक्रमण माना है। अब यह देखना होगा कि दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने के लिए कौन से कूटनीतिक प्रयास किए जाते हैं।