प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा की जिम्मेवारी आईपीएस आलोक शर्मा को मिली, एसपीजी के नए प्रमुख बने
नई दिल्ली: दुनिया की सबसे बेहतरीन सुरक्षा कवच देने वाली SPG के नए प्रमुख बने आईपीएस आलोक शर्मा। केंद्रीय कैबिनेट ने शुक्रवार देर शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा करने वाली स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के एडिशनल डायरेक्टर आलोक शर्मा को एसपीजी का नया डायरेक्टर नियुक्त किया है। स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (SPG),प्रधान मंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार सबसे विशिष्ट सुरक्षा इकाई है , कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा अनुमोदित सरकारी आदेश, से शर्मा को सीधे केंद्र सरकार के कैबिनेट सचिवालय के तहत निदेशक के रूप में काम करने की जिम्मेवारी मिली है। गौरतलब है कि वर्तमान में आलोक शर्मा एसपीजी में बतौर आईजी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में पिछले 6 साल से तैनात हैं। वह 2016 में एडीजी बने। इसके बाद 2017 में उनकी केंद्र में प्रतिनियुक्ति हो गई।
1991 के IPS अफसर हैं आलोक शर्मा – बता दें कि नए SPG डायरेक्टर 1991 बैच के यूपी कैडर के IPS अधिकारी है। वह मूल रुप से यूपी के अनूपशहर क्षेत्र के गांव रूपवास के रहने वाले हैं। उनकी हायर एजुकेशन अलीगढ़ से हुई। जहां उन्होंने एएमयू से बीटेक किया। उसके बाद वही रहते हुए यूपीएससी की तैयारी की। जिसमें वह सफल हुए। उनकी आईपीएस मिला । 2016 में बनाया गया था डीजी -25 साल की सेवा के बाद शर्मा को 2016 में प्रमोट कर केंद्र सरकार द्वारा डीजी सेंट्रल बनाया गया है।
अरूण कुमार सिन्हा के निधन के बाद संभाल रहे थे कमान -बता दें कि आलोक शर्मा 6 सितंबर 2023 को SPG डायरेक्टर अरूण कुमार सिन्हा की कैंसर से मौत हो जाने के बाद से SPG की कमान संभाल रहे थे। सिन्हा ने 2016 से 2023 तक एसपीजी प्रमुख का पद संभाला, वह सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले निदेशक रहे ।
वर्ष 1991 में उनकी पुलिस सेवा में नियुक्ति हुई, उन्हें UP कैडर मिला – आलोक शर्मा मूलरूप से बुलंदशहर के गांव रूपवास के रहने वाले हैं। उनका अलीगढ़ से गहरा नाता रहा है उन्होंने AMU से BTech किया है . आलोक शर्मा की पहली नियुक्ति पीलीभीत जनपद में हुई। इसके बाद वह बुलंदशहर, सहारनपुर, उन्नाव, मुरादाबाद सहित कई जिलों के एसएसपी रहें। उसके बाद डीआईजी एवं आईजी के पद पर पदोन्नत हुए। अपनी श्रेश्ठतम सेवा के लिए उन्हें कई मैडल से भी सम्मानित किया जा चूका है।
एसपीजी की स्थापना 1985 में प्रधान मंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को निकटतम सुरक्षा कवर प्रदान करने के इरादे से की गई थी।