कर्नाटक की हरित क्रांति: 2026 तक शहरी गतिशीलता में बदलाव के लिए 14,750 इलेक्ट्रिक बसें

कर्नाटक में इलेक्ट्रिक बसों की पहल: शहरी परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना

कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य शहरी परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और प्रदूषण को कम करना है। राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस संबंध में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय को औपचारिक प्रस्ताव सौंपा है। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और कर्नाटक को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

कर्नाटक के प्रमुख शहरों में इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता

राज्य सरकार ने 11 शहरों को प्रधानमंत्री ई-बस सेवा योजना के तहत इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन के लिए योग्य घोषित किया है। इन शहरों में मैंगलोर, हुबली, धारवाड़, बेलगावी, विजयपुरा, शिमोगा, दावणगेरे, कलबुर्गी, बेल्लारी, तुमकुर और मैसूर शामिल हैं। इन शहरों में कुल 795 इलेक्ट्रिक बसों की आवश्यकता बताई गई है, जिसमें से 350 बसों की मांग कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (KSRTC) ने की है।

प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना का उद्देश्य और बजट

प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत, केंद्र सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिसमें से 4,391 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए आवंटित किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य शहरी बस सेवाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। योजना के तहत बसों के साथ-साथ चार्जिंग स्टेशन, बस डिपो और वाहन मेंटेनेंस सिस्टम पर भी काम किया जाएगा ताकि पूरे सिस्टम को स्मार्ट और टिकाऊ बनाया जा सके।

कर्नाटक सरकार की पहल और केंद्र सरकार का सहयोग

राज्य सरकार ने बेंगलुरु मेट्रोपोलिटन ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (BMTC) को 9,000 नई इलेक्ट्रिक बसें प्रदान करने की योजना बनाई है। इसके अतिरिक्त, राज्य सरकार ने 1,000 नई डीजल बसों की भी योजना बनाई है, जो ग्रॉस कॉस्ट कांट्रैक्ट (GCC) मॉडल के तहत विभिन्न राज्य परिवहन निगमों में परिचालित की जाएंगी। केंद्र सरकार ने इस पहल में राज्य सरकार को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है।

इंफ्रास्ट्रक्चर और रोलआउट की योजना

केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच यह भी चर्चा हुई है कि किस तरह से इन बसों का रोलआउट तेजी से किया जाए। इसके लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल्स पर विचार हो रहा है, ताकि शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा जल्द शुरू की जा सके।

निष्कर्ष:

कर्नाटक सरकार की पहल राज्य में शहरी परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। केंद्र और राज्य सरकार का सहयोग इस योजना की सफलता के लिए आवश्यक है। यदि यह योजना सफल होती है, तो यह अन्य राज्यों के लिए भी एक आदर्श प्रस्तुत करेगी।

कर्नाटक सरकार ने प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत राज्य में इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन की योजना बनाई है। इस पहल का उद्देश्य शहरी परिवहन को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और प्रदूषण को कम करना है। राज्य के परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी ने इस संबंध में केंद्रीय भारी उद्योग मंत्रालय को औपचारिक प्रस्ताव सौंपा है। केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है और कर्नाटक को चरणबद्ध तरीके से इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत, केंद्र सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है, जिसमें से 4,391 करोड़ रुपये इलेक्ट्रिक बसों की खरीद के लिए आवंटित किए गए हैं। इस योजना का उद्देश्य शहरी बस सेवाओं को पर्यावरण के अनुकूल बनाना और ई-मोबिलिटी को बढ़ावा देना है।

केंद्र और राज्य सरकार के अधिकारियों के बीच यह भी चर्चा हुई है कि किस तरह से इन बसों का रोलआउट तेजी से किया जाए। इसके लिए कई इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल्स पर विचार हो रहा है, ताकि शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बसों की सुविधा जल्द शुरू की जा सके।

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