भारत-पाक युद्धविराम के परिप्रेक्ष्य में प्रधानमंत्री को सिफारिशें

नई दिल्ली वर्तमान कूटनीतिक स्थितियों को ध्यान में रखते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की मध्यस्थता से हुए भारत-पाकिस्तान युद्धविराम समझौते के मद्देनज़र, केंद्रीय निजी सुरक्षा उद्योग संघ (CAPSI) कैप्सी ने भारत सरकार से आग्रह किया है कि वह आगामी वार्ता में एक स्पष्ट रणनीति अपनाए, जो भारत की वर्तमान स्थिति को मजबूत करते हुए शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रमुख शर्तें प्रस्तुत करे। वर्तमान परिस्थितियाँ भारत के पक्ष में हैं, और इस अवसर का उपयोग राष्ट्र की सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और दीर्घकालीन शांति के हित में किया जाना अत्यंत आवश्यक है।

कैप्सी (CAPSI)  के अध्यक्ष श्री कुंवर विक्रम सिंह ने इस संबंध में प्रधानमंत्री को निम्नलिखित सिफारिशें प्रस्तुत की हैं:

1. आतंकवादियों का प्रत्यर्पण:

भारत सरकार को स्पष्ट रूप से पाकिस्तान से यह मांग रखनी चाहिए कि वह मसूद अजहर, हाफिज सईद सहित सभी वांछित आतंकवादियों को भारत को सौंपे, ताकि उनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की जा सके।

2. आतंकवादी शिविरों का स्थायी समापन:

पाकिस्तान में सक्रिय सभी आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों को स्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए। इसके सत्यापन हेतु एक प्रभावी और स्वतंत्र निगरानी प्रणाली की स्थापना आवश्यक है।

3. युद्धबंदियों की वापसी:

1965 और 1972 के युद्धों से संबंधित भारतीय युद्धबंदियों की सुरक्षित वापसी एक मानवीय और संवेदनशील विषय है, जिसे वार्ता में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

4. युद्धविराम का अनुपालन और आतंकवाद की रोकथाम:

दोनों देशों को युद्धविराम का पूर्णतः पालन करना चाहिए और सीमा पार से होने वाली किसी भी आतंकवादी गतिविधि को रोकने हेतु ठोस कदम उठाने चाहिए। इसके लिए एक विश्वसनीय निगरानी तंत्र का गठन आवश्यक है।

चुनौतियों का समाधान
कैप्सी (CAPSI)  ने यह भी सुझाव दिया है कि बातचीत की प्रक्रिया में अंतरराष्ट्रीय भागीदारी को प्रोत्साहित किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और समझौतों के पालन को सुनिश्चित किया जा सके। दोनों देशों को आंतरिक राजनीतिक स्थितियों के बावजूद राजनीतिक परिपक्वता का परिचय देना होगा।

श्री सिंह ने कहा, “यह समय निर्णायक है। भारत को न केवल अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करनी है, बल्कि क्षेत्र में स्थायी शांति की स्थापना के लिए भी गंभीर और ठोस प्रयास करने होंगे।”

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