राज्य के स्वास्थ्य मंत्री ने बाल कैंसर रोगियों की देखभाल के लिए राज्य सहायता समन्वय केंद्र एवं घर से दूर घर समर्पित किया
भोपाल: सितंबर माह बच्चों के कैंसर के जागरूकता माह के रूप मे मनाया जाता है | सितंबर माह जागरूकता पैदा करने का समय है, और कैंसर से लड़ने वाले बच्चों की बहादुरी और साहस का सम्मान करने का समय है|इस अवसर पर माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, मध्य प्रदेश सरकार ने भोपाल में राज्य सहायता समन्वय केंद्र (SCCC) एवं घर से दूर घर (HAH) का उद्घाटन किया| जिसे एनजीओ, कैनकिड्स, के साथ साझेदारी करके स्थापित किया है।
मध्य प्रदेश के 15 विभिन्न जिलों के कैंसर पीड़ित बच्चों और उनके परिवारों से मिलकर माननीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने खुशी जाहिर करते हुए, कहा कि “यह महत्वपूर्ण है कि कैंसर से पीड़ित बच्चे कामयाब हों और सर्वोत्तम देखभाल एवं चिकित्सा सुविधा प्राप्त करें। हम कैनकिड्स जैसे एनजीओ के साथ साझेदारी करके खुश हैं, जो परिवारों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र एवं जिला चिकित्सालय में देखभाल हेतु उनका मार्गदर्शन करते हैं , और उन्हें समय- समय पर वित्तीय, चिकित्सा, सामाजिक, शिक्षा और मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं।
अप्रैल 2022 में, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, मध्य प्रदेश सरकार ने मध्य प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए अपने ज्ञान और समर्थन भागीदार के रूप में कैनकिड्स के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। डॉ. प्रियंका दास, निदेशक एनएचएम- मध्य प्रदेश ने कहा कि, “इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कैंसर से पीड़ित बच्चों के परिवारों को सही उपचार सहायता और देखभाल प्राप्त हो – कहाँ जाना है, समय पर निदान और उपचार, साझा देखभाल और देखभाल की निरंतरता, के साथ -साथ सभी स्तरों पर काम करना जैसे प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल, जिला और तृतीयक कैंसर केंद्रों पर देखभाल करना। कैंसर मरीजों की चिकित्सा एवं देखभाल के लिए राज्य सरकार, अस्पताल प्रबंधन , स्वस्थ्य से जुडी संस्थाएं, गैर लाभकारी संस्थाएं , परिवार एवं संपूर्ण समाज को एकजुट होना होगा|
इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. सुदाम खाड़े (आईएएस), स्वास्थ्य आयुक्त, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कहा कि, “हालांकि मध्य प्रदेश में कैंसर वाले बच्चों की संख्या कम है, हम कैंसर और अन्य असंचारी रोगों के खिलाफ बहुत बड़ी लड़ाई लड़ रहे हैं। कैंसर का पता लगाने और निदान में देरी, कैंसर मरीज की देखभाल में कमी लाती है। एनजीओ पार्टनर को हमारा संक्षिप्त विवरण है की सार्वजनिक सुविधाओं और आयुष्मान भारत के पैनल में शामिल अस्पतालों में सुविधाओं और प्रणालियों को मजबूत करने, प्रारंभिक पहचान और निदान के लिए और परिवारों को सरकारी योजनाओं और पहलों तक पहुंचने में सक्षम बनाने के लिए हमारे साथ काम करना है। बच्चों के कैंसर की देखभाल में छोटे निवेश महत्वपूर्ण परिणाम देते हैं क्योंकि जिससे अधिक बच्चे जीवित रहते हैं और पनपते हैं।
कैनकिड्स किड्सकैन की अध्यक्ष सुश्री पूनम बगई ने कहा कि, “स्वास्थ्य मंत्री द्वारा राज्य देखभाल समन्वय केंद्र का लोकार्पाण, मध्य प्रदेश में बच्चों के कैंसर के लिए बदलाव लाने के लिए, राज्य सरकार और अन्य सभी हितधारकों के साथ काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को दोहराता है। हम इस महीने को न केवल यह बतलाने के रूप में लेते हैं कि हमने बच्चों के कैंसर के खिलाफ लड़ाई में क्या हासिल किया है, बल्कि इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि कैंसर रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करने के नए तरीकों की पहचान करने, एवं बच्चों के कैंसर रोगियों के लिए परिणामों में सुधार कर सकते हैं, और साथ ही न केवल कैंसर से बच सकते हैं बल्कि और बचे हुए लोगों में कैंसर न हो उसमे मदद कर सकते है |
डब्ल्यूएचओ जीआईसीसी लक्ष्य 60% Survival को प्राप्त करने के अपने मिशन में, कैनकिड्स निदान, दवाओं, चिकित्सा आपूर्ति, कृत्रिम अंग, प्रत्यारोपण, रक्त और रक्त उत्पादों आदि के माध्यम से चिकित्सा सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
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